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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्र पर रखें इन बातों का ध्यान, मिलेगा व्रत का पूरा फल

चैत्र नवरात्र का व्रत मां दुर्गा को समर्पित है। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है। इस साल चैत्र नवरात्र की शुरुआत 9 अप्रैल से हो रही है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस व्रत के सभी नियमों का पालन करते हैं उन्हें मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में बरकत आती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 28 Mar 2024 04:47 PM (IST)
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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्र पर रखें इन बातों का ध्यान
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2024: सनातन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व नवरात्र माना गया है। मां दुर्गा के भक्त इस नौ दिवसीय त्योहार को बेहद प्रेम और उत्साह के साथ मनाते हैं। साथ ही देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए उनके नौ अलग-अलग अवतारों की पूजा करते हैं। नवरात्र साल में चार बार मनाई जाती है - शरद नवरात्र, चैत्र नवरात्र, माघ नवरात्र और आषाढ़ गुप्त नवरात्र। इस साल नवरात्र की शुरुआत 9 अप्रैल, 2024 से हो रही है।

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चैत्र नवरात्र पर रखें इन बातों का ध्यान

  • साधक नवरात्र के दौरान जल्दी उठें और पवित्र स्नान करें।
  • तामसिक चीजें जैसे - शराब, तंबाकू और मांसाहार भोजन का सेवन न करें।
  • व्रत के दौरान नाखून काटने, बाल कटवाने, दाढ़ी काटने से बचें।
  • व्रती अपनी ऊर्जा बढ़ाने के लिए कुट्टू, सिंघाड़ा, दूध, साबूदाना, आलू और फलों का सेवन कर सकते हैं।
  • नवरात्र पर सरसों का तेल और तिल का सेवन करने से परहेज करें।
  • मूंगफली का तेल और घी का उपयोग कर सकते हैं।
  • रोजाना उपयोग वाले नमक के सेवन से बचें।
  • सेंधा नमक का उपयोग कर सकते हैं।
  • व्रती दिन में सोने से बचें।
  • पूजा के दौरान साफ और पवित्र कपड़े पहने।
  • चमड़े से बनी चीजों का उपयोग न करें।
  • काले कपड़े पहनने से भी बचें।
  • बच्चों, गर्भवती महिलाओं व गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को व्रत रखने से बचना चाहिए।
  • इन नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा करें।
  • किसी के बारे में बुरा बोलने से बचें।
  • कन्याओं का अपमान न करें।

मां दुर्गा को प्रसन्न करने के मंत्र

  • ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

    दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

  • सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

    शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'