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Chaitra Navratri 2024 Day 4: आज है चैत्र नवरात्र का चौथा दिन, इस विधि से करें मां कुष्मांडा की पूजा, चढ़ाएं उनका प्रिय भोग

ऐसा माना जाता है कि मां कुष्मांडा अपनी दिव्य मुस्कान से जगत में ऊर्जा का संचार करती हैं। साथ ही अपने भक्तों को ऊर्जा स्वास्थ्य और शक्ति का आशीर्वाद देती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह वह (Chaitra Navratri 2024 Day 4) पवित्र समय है जब संसार में चमत्कारी शक्तियां विचरण करती हैं जो जातक इस दौरान मां की विशेष पूजा करते हैं उनका जीवन खुशहाली से भरा रहता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 12 Apr 2024 10:14 AM (IST)
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Chaitra Navratri 2024 Day 4: मां कूष्मांडा पूजन विधि
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2024 Day 4: चैत्र नवरात्र का पावन समय चल रहा है। इन नौ दिनों के दौरान भक्त देवी दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा करते हैं। आज नवरात्र का चौथा दिन है। इस दिन मां कुष्मांडा की पूजा होती है। वह देवी दुर्गा का चौथा स्वरूप हैं। मां के इस स्वरूप की अत्यधिक भक्ति के साथ पूजा की जाती है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, मां कुष्मांडा को ब्रह्मांड की रचयिता माना जाता है।

ऐसी मान्यता है कि मां कुष्मांडा भक्तों को ऊर्जा, स्वास्थ्य और शक्ति का वरदान देती हैं। ऐसे में मां को प्रसन्न करने की विशेष पूजा विधि जानते हैं -

मां कूष्मांडा पूजन सामग्री

मां कूष्मांडा की पूजा में कुमकुम, कलावा, अक्षत, पीले वस्त्र, पीली चूड़ियां, पीली मिठाई , घी, धूप, चंदन आदि का प्रयोग किया जाता है।

मां कूष्मांडा पूजन विधि

  • दिन की शुरुआत पवित्र स्नान से करें।
  • साफ कपड़े धारण करें।
  • देवी का पंचामृत स्नान करवाएं।
  • घी का दीपक जलाएं।
  • लाल फूल, कुमकुम और पीले चंदन का तिलक लगाएं।
  • फल और मिठाई का भोग लगाएं।
  • भाव के साथ आरती करें।
  • इस मंत्र 'ॐ कुष्माण्डायै नम:' का जाप करें।
  • पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे।
  • अंत में शंखनाद से पूजा समाप्त करें।
  • प्रसाद को घर के सदस्यों के साथ अन्य लोगों में बांटे।

मां कूष्मांडा का प्रिय भोग

मां कुष्मांडा (Chaitra Navratri 2024) को ताजे मौसमी फलों का भोग लगाया जाता है, जिसमें केला, सेब और पपीता शामिल हो सकते हैं। साधक माता को मालपुए का भोग भी लगाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो जातक श्रद्धा के साथ मां को उनका प्रिय भोग लगाते हैं उन्हें मनवांक्षित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही उनका घर सुख-समृद्धि से भरा रहता है। ऐसे में मां का प्रिय भोग उन्हें जरूर अर्पित करें।

मां कूष्मांडा पूजन मंत्र

  • ऐं ह्री देव्यै नम:।
  • ऊं कूष्माण्डायै नम: ध्यान मंत्र: वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्। सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥
  • सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
  • या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'