Chaitra Navratri 2024: इस बार अश्व पर आएंगी मां दुर्गा, गज लक्ष्मी के रूप में देकर जाएंगी भौतिक सुखों का वरदान
चैत्र नवरात्र पर सर्वार्थ व अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है जिसे ज्योतिष के अनुसार बहुत ही अच्छा माना जाता है। इस दौरान किया गया कोई भी कार्य सिद्ध होता है। ऐसे योगों में की गई खरीदारी भी फलदायी होती है। जानकारी के लिए बता दें अगर आप अखंड ज्योत और कलश की स्थापना करते हैं तो पूजा मुहूर्त व शुभ समय का विशेष ध्यान रखें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2024: देशभर में हर साल नवरात्र का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व का इंतजार देवी भक्त बेसब्री से करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार की चैत्र नवरात्र बेहद शुभ और कल्याणकारी मानी जा रही है। इसके प्रथम दिन कई सारे शुभ योग का निर्माण हो रहा है। मान्यताओं के अनुसार, जो साधक मां दुर्गा और उनके नौ अवतारों की पूजा सच्ची श्रद्धा के साथ करेंगे उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। इस पवित्र पर्व की शुरुआत से पहले आइए इससे जुड़ी कुछ अहम बातों को जान लेते हैं -
अश्व पर आएंगी व गज पर जाएंगी मां दुर्गा
ज्योतिष की मानें, तो चैत्र नवरात्र में इस बार माता रानी अश्व पर सवार होकर आएंगी, वहीं उनका प्रस्थान गज पर
लक्ष्मी रूप में होगा। अश्व पर आने को लेकर कहा जा रहा है कि इससे सत्ता में बदलाव होने की संभावनाएं हैं, क्योंकि घोड़े पर आने को शुभ नहीं माना जाता है। हालांकि गज पर मां दुर्गा का जाना बेहद कल्याणकारी और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला माना जा रहा है।
शुभ संयोग
इसके अलावा चैत्र नवरात्र पर सर्वार्थ व अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जिसे ज्योतिष के अनुसार, बहुत ही अच्छा माना जाता है। इस दौरान किया गया कोई भी कार्य सिद्ध होता है। ऐसे योगों में की गई खरीदारी भी फलदायी होती है।
जानकारी के लिए बता दें, अगर आप अखंड ज्योत और कलश की स्थापना करते हैं, तो पूजा मुहूर्त व शुभ समय का विशेष ध्यान रखें। साथ ही जगत जननी आदिशक्ति की पूजा विधि अनुसार व शुभ समय में ही करें।
चैत्र नवरात्र शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन अमृत काल की शुरुआत 9 अप्रैल रात्रि 10 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 04 मिनट पर होगी। वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 32 मिनट से अगले दिन 10 अप्रैल सुबह 05 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अमृत सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 32 मिनट से अगले दिन 10 अप्रैल सुबह 05 बजकर 06 मिनट तक रहेगा।
यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2024: घटस्थापना के दौरान करें इस चालीसा का पाठ और आरती, सभी संकटों से मिलेगी निजात
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।