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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के पांच दिन तक रहेगा खरमास का साया, इन कार्यों पर रहेगी रोक

चैत्र नवरात्र के शुरुआत के पांच दिनों तक खरमास का साया रहेगा। ऐसे में 9 अप्रैल से लेकर 13 अप्रैल तक मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। खरमास के समापन के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। चलिए इस आर्टिकल मे हम आपको बताएंगे कि चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2024) के शुरू के पांच दिनों तक किन कार्यों को करने बचना चाहिए।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 02 Apr 2024 03:55 PM (IST)
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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के पांच दिन तक रहेगा खरमास का साया, इन कार्यों पर रहेगी रोक
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2024: सनातन धर्म में नवरात्र का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेष पूजा करने का विधान है। साथ ही सुख और शांति के लिए व्रत भी किया जाता है। पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्र की शुरुआत 09 अप्रैल से होगी और खरमास का समापन 13 अप्रैल को होगा। चैत्र नवरात्र के शुरुआत के पांच दिनों तक खरमास का साया रहेगा। ऐसे में 09 अप्रैल से लेकर 13 अप्रैल तक मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। खरमास के समापन के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। चलिए इस आर्टिकल मे हम आपको बताएंगे कि चैत्र नवरात्र के शुरू के पांच दिनों तक किन कार्यों को करने बचना चाहिए।

  

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खरमास में न करें ये काम

  • खरमास के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, खरमास में इन कार्यों को करने से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है।
  • इसके अलावा खरमास में सगाई और शादी नहीं नहीं करनी चाहिए।
  • कोई संपत्ति खरीदना और घर खरीदना नहीं करना चाहिए।
  • खरमास में तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • खरमास की अवधि में बिजनेस की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।  
कब से कब तक है खरमास?

पंचांग के अनुसार, इस बार 14 मार्च से खरमास की शुरुआत की हो गई है और इसका समापन 13 अप्रैल को होगा। इस दिन सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ खरमास की अवधि समाप्त होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार 09 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू होंगे और 17 अप्रैल को समापन होगा।

एकाक्षरी बीज मंत्र

खरमास में श्री हरि का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एकाक्षरी बीज मंत्र का जाप फलदायी माना गया है। आप इस मंत्र का जाप लाल चंदन की माला से करना बेहतर माना गया हैं। साथ ही आप इस मंत्र का जाप सूर्य देव को अर्घ्य देते समय भी कर सकते हैं। जो इस प्रकार है-  

ॐ घृणिः सूर्याय नमः

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'