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Chaitra Navratri 2024: साल 2024 में कब है चैत्र नवरात्रि? नोट करें शुभ मुहूर्त, तिथि एवं धार्मिक महत्व

चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिवस पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण प्रातः काल 07 बजकर 32 से हो रहा है। दोनों योग संध्याकाल 05 बजकर 06 मिनट तक है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 06 Dec 2023 07:48 PM (IST)
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Chaitra Navratri 2024: साल 2024 में कब है चैत्र नवरात्रि? नोट करें शुभ मुहूर्त, तिथि एवं धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2024: हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तक चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है। तदनुसार, वर्ष 2024 में 9 अप्रैल से लेकर 17 अप्रैल तक चैत्र नवरात्रि है। इस दौरान जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही मां दुर्गा के निमित्त नौ दिनों तक व्रत उपवास रखा जाता है। साधक दिन भर उपवास कर रात्रि में आरती-अर्चना के बाद फलाहार करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से मां दुर्गा की पूजा करते हैं। आइए, चैत्र नवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं महत्व जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 09 अप्रैल को संध्याकाल 08 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 09 अप्रैल को घटस्थापना है। साधक सुविधा के अनुसार घटस्थापना कर मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।  

घटस्थापना समय

ज्योतिषियों की मानें तो 09 अप्रैल को घटस्थापना समय प्रातः काल 06 बजकर 02 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक है। इस समय में घटस्थापना कर सकते हैं। इसके अलावा, 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट के मध्य अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना कर सकते हैं। 

योग

चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिवस पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण प्रातः काल 07 बजकर 32 से हो रहा है। दोनों योग संध्याकाल 05 बजकर 06 मिनट तक है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है।

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डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।