Chanakya Niti: भूलकर भी न करें ये 6 काम, वरना मां लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज
मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही परिवार के सदस्यों के मध्य प्रेम संबंध मधुर बना रहता है। शास्त्रों में निहित है कि धन की देवी मां लक्ष्मी बेहद चंचल हैं। एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं ठहरती हैं। पूर्व जन्मों के उचित कर्म और वर्तमान में किए गए पुण्यों के अनुरूप मां लक्ष्मी फल देती हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 07 Apr 2024 08:14 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chanakya Niti: सनातन धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही परिवार के सदस्यों के मध्य प्रेम संबंध मधुर बना रहता है। शास्त्रों में निहित है कि धन की देवी मां लक्ष्मी बेहद चंचल हैं। एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं ठहरती हैं। पूर्व जन्मों के उचित कर्म और वर्तमान में किए गए पुण्यों के अनुरूप मां लक्ष्मी फल देती हैं। इसी क्रम में निश्चित अवधि यानी पुण्यकर्म समाप्त होने के बाद या परिवार में हमेशा विवाद की स्थिति बनी रहने पर मां लक्ष्मी प्रस्थान कर जाती हैं। अतः मां लक्ष्मी की नियमित रूप से पूजा-उपासना करनी चाहिए। आचार्य चाणक्य अपनी रचना नीति शास्त्र में कहते हैं कि व्यक्ति को दैनिक जीवन में भूलकर भी ये 6 काम नहीं करने चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी अप्रसन्न हो जाती हैं। इससे घर की सुख-समृद्धि धीरे-धीरे कम होने लगती है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
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कुचैलिनं दन्तमलोपधारिणं बह्वाशिनं निष्ठुरभाषिणं च। सूर्योदये चास्तमिते शयानं विमुञ्चतिश्रीर्यदि चक्रपाणि:।।
आचार्य चाणक्य अपनी रचना नीति शास्त्र के चौथे श्लोक में कहते हैं- गंदे कपड़े पहनने वाले या घर में साफ-सफाई न रखने वाले, रोजाना स्नान-ध्यान और दांतों की सफाई न करने वाले, भोजन अधिक करने वाले, वाचाल यानी ज्यादा बोलने वाले, सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सोने वाले व्यक्ति से धन की देवी मां लक्ष्मी अप्रसन्न रहती हैं।
अगर आप धनी की देवी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाना चाहते हैं, तो भूलकर भी ये 6 गलती न करें। इसके अगले श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि धन ही मनुष्य का सच्चा साथी है। धन रहने पर बंधु-बांधव साथ रहते हैं। धन खत्म होने पर बंधु-बांधव भी छोड़कर चले जाते हैं। इसके लिए मां लक्ष्मी की नियमित रूप से पूजा करें। साथ ही जीवन में अच्छे कर्म करें।यह भी पढ़ें: नरक का दुख भोगकर धरती पर जन्मे लोगों में पाए जाते हैं ये चार अवगुण
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