Chanakya Niti: घमंडी और मूर्ख व्यक्ति से कैसे निकलवाए अपना काम, आचार्य चाणक्य से जानें
चाणक्य नीति में लिखी बातों का लोग आज भी पालन करते हैं। चाणक्य नीति भारत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली नीतियों में से भी एक है। इसमें जीवन के कई पहलुओं पर बात की गई है। ऐसे में आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र (Chanakya Niti for arrogant people) में बताया है कि आप किस तरह दूसरे व्यक्ति से अपना काम निकलवा सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य को भारत के सबसे बुद्धिमान व्यक्तियों में से एक माना जाता है। उनके द्वारा लिखा गया नीति शास्त्र भी काफी लोकप्रिय है। इसकी सहायता से आप जीवन को सरल और सफल बना सकते हैं। ऐसे में हम आपको चाणक्य नीति में लिखे एक ऐसे श्लोक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें यह बताया गया है कि किस तरह आप घमंडी व्यक्ति से लेकर बुद्धिमान व्यक्ति तक को अपने वश में कर सकते हैं।
चाणक्य नीति में लिखे इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि आप किस प्रकार चालक और घमंडी व्यक्ति से अपना काम निकलवा सकते हैं। आईए जानते हैं श्लोक का अर्थ -
लुब्धमर्थेन गृह्णीयात् स्तब्धमंजलिकर्मणा।
मूर्खं छन्दानुवृत्त्या च यथार्थत्वेन पण्डितम्।।अर्थ - इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहना चाहते हैं कि लोभी व्यक्ति को धन देकर, अभिमानी को हाथ जोड़कर, मूर्खों व्यक्ति को उसकी इच्छा के अनुसार कार्य देकर और विद्वान को सच्ची बात बातकर अपने वश में किया जा सकता है।
आसान शब्दों में समझे इसका अर्थ
आसान शब्दों में इसका अर्थ समझा जाए, तो चाणक्य यह कहना चाहते हैं कि आप एक लोभी यानी लालची आदमी से तो धन देकर अपना काम करवा सकते हैं। लेकिन वही अगर आपको किसी अहंकार से भरे व्यक्ति को अपने वश में करना है, तो इसके लिए आपको विनम्रता से काम लेना होगा।
यह भी पढ़ें - Chanakya Niti: किसी के घर मेहमान बनकर जाएं, तो ध्यान रखें चाणक्य की ये बातें, ताकि बना रहे मान-सम्मान