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Chanakya Niti: संकट के समय आचार्य चाणक्य के इस ज्ञान को बना लें अपना साथी, जरूर मिलेगी सफलता

Chanakya Niti आचार्य चाणक्य द्वारा रचित नीतियों को अनेकों युवाओं द्वारा पढ़ा और उनका पालन किया जाता है। इसमें आचार्य चाणक्य ने जीवन में सफलता के कई गुण बताए हैं जिनका पालन करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Fri, 26 May 2023 07:48 PM (IST)
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Chanakya Niti: जानिए संकट के समय व्यक्ति कैसा व्यवहार करना चाहिए?
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य का नाम विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में लिया जाता है। उनके दूरदर्शी नीतियों ने व्यक्ति को कई प्रकार के समस्याओं और विघ्नों से बचाया है। आचार्य चाणक्य न केवल एक रणनीतिकार व राजनीतिक के ज्ञानी थे, बल्कि उन्हें अर्थशास्त्र और युद्धनीति में भी पारंगत हासिल थी। उन्होंने बताया है कि व्यक्ति को किस प्रकार से संकट के समय व्यवहार करना चाहिए और किन कार्यों से बचना, जिनसे जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। चाणक्य नीति के इस भाग में आइए जानते हैं कि संकट के समय व्यक्ति को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

क्रोध है व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन

आचार्य चाणक्य ने बताया है कि जिस प्रकार सागर को हम गंभीर समझते हैं। लेकिन प्रलय आने पर वह अपनी सभी मर्यादा भूल जाता है और किनारो को तोड़कर सब कुछ तहस-नहस कर देता है। ठीक उसी प्रकार एक क्रोधी व्यक्ति थी आवेग में आकर कई प्रकार के अपशब्द और कानों को अप्रिय भाषा का प्रयोग करता है। जिसके कारण उसे भविष्य में कई प्रकार की समस्याएं आती है। साथ ही कई काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं।

संयम है संकट का साथी

वहीं श्रेष्ठ या साधु व्यक्ति संकटों के पहाड़ टूटने पर भी अपना संयम नहीं खोता है और मर्यादाओं का पूर्ण रूप से पालन करता है। इसलिए ऐसे पुरुष को सागर से भी महान कहा जाता है। ऐसा व्यक्ति न केवल अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है, बल्कि समाज में भी मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति संयम और विवेक से किसी भी संकट का सामना करता है। उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।