Chanakya Niti: जानें, क्यों धन की देवी मां लक्ष्मी विद्वान लोगों से हमेशा रहती हैं नाराज ?
आचार्य चाणक्य अपनी नीति शास्त्र के 15वें अध्याय के सोलहवें श्लोक में जगत के पालनहार भगवान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की वार्ता का वर्णन करते हैं। इसमें भगवान विष्णु धन की देवी मां लक्ष्मी से कहते हैं- हे देवी! आप विद्वानजनों या ब्राह्मणों से क्यों हमेशा नाराज रहती हैं ? इस प्रश्न पर ममता की देवी मां लक्ष्मी कहती हैं- हे नाथ! आप सर्वज्ञाता हैं। आप सबकुछ जानते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 10 Apr 2024 05:31 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chanakya Niti: सनातन धर्म में हर शुक्रवार के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही धन प्राप्ति एवं संकटों से मुक्ति हेतु लक्ष्मी वैभव व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से व्रती को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही आय और आयु में भी वृद्धि होती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि धन की देवी मां लक्ष्मी हमेशा विद्वान (ब्राह्मण) लोगों से अप्रसन्न रहती हैं ? इसकी जानकारी आचार्य की नीति शास्त्र से मिलती है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
पीतः क्रुद्धेन तातश्चरणतलहतो वल्लभो येन रोषाद्,
आबाल्याद्विप्रवर्यैः स्ववदनविवरे धार्यते वैरिणी मे।गेहं मे छेदयन्ति प्रतिदिवसमुमाकान्तपूजानिमित्तं,तस्मात्खिन्ना सदाहं द्विजकुलनिलयं नाथयुक्तं त्यजामि॥आचार्य चाणक्य अपनी नीति शास्त्र के 15वें अध्याय के सोलहवें श्लोक में जगत के पालनहार भगवान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की वार्ता का वर्णन करते हैं। इसमें भगवान विष्णु, धन की देवी मां लक्ष्मी से कहते हैं- हे देवी! आप विद्वानजनों या ब्राह्मणों से क्यों हमेशा नाराज रहती हैं ? इस प्रश्न पर ममता की देवी मां लक्ष्मी कहती हैं- हे नाथ! आप सर्वज्ञाता हैं। आप सबकुछ जानते हैं। अगस्त ऋषि ने मेरे पिता समुद्र को पी लिया था, ब्राह्मण भृगु ने क्रोध में अभिभूत होकर आपके छाती पर लात दे मारी थी। ब्राह्मण के बच्चे बचपन से मेरी सौत शारदे की पूजा कर प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। यही नहीं, शिवभक्त ब्राह्मण कमल तोड़कर मेरे निवास स्थान को उजाड़ देते हैं। इसके लिए मैं ब्राह्मणों एवं विद्वानों से नाराज या दूर रहती हूं।
यह भी पढ़ें: नरक का दुख भोगकर धरती पर जन्मे लोगों में पाए जाते हैं ये चार अवगुणडिस्क्लेमर-''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'