Chanakya Niti: धरती पर स्वर्ग समान सुख प्राप्त करते हैं ये 3 तरह के लोग, जीवन भर रहते हैं प्रसन्न
परिवर्तन ही संसार का नियम है। अच्छे कर्म करने वाले लोगों को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं बुरे कर्म करने वाले लोगों को जीवन में नाना प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आचार्य चाणक्य ने भी अपनी रचना नीति शास्त्र (Chanakya Niti) में व्यक्ति को अच्छे कर्म करने की सलाह दी है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 17 Nov 2024 05:37 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chanakya Niti: सनातन धर्म में पुनर्जन्म का विधान है। व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके कर्मों के अनुसार नया जीवन मिलता है। व्यक्ति के कर्मों का लेखा जोखा चित्रगुप्त महाराज जी रखते हैं। मृत्यु के बाद यम देव की अदालत में व्यक्ति को फल दिया जाता है। अच्छे कर्म करने वाले को स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। वहीं, बुरे कर्म करने वाले को नरक लोक में स्थान मिलता है। आचार्य चाणक्य भी पुनर्जन्म में विश्वास करते थे। इसका प्रमाण नीति शास्त्र में मिलता है। नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने पुनर्जन्म पर भी जानकारी दी है। आचार्य चाणक्य की मानें तो व्यक्ति अपने कर्म से जीवन में सफल होता है। हालांकि, सुख भोगना व्यक्ति के पिछले जन्मों का भी कर्म है। इसके चलते व्यक्ति को धरती पर स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। ये 3 तरह के लोग धरती पर जीवन भर सुखी रहते हैं। ये सुख इन्हें कठिन तप या साधना के चलते मिलती है। आइए जानते हैं-
भोज्यं भोजनशक्तिश्च रतिशक्तिर्वराङ्गना ।
विभवो दानशक्तिश्च नाल्पस्य तपसः फलम् ॥
- आचार्य चाणक्य अपनी रचना नीति शास्त्र के दूसरे अध्याय के दूसरे श्लोक में कहते हैं कि व्यक्ति को धरती लोक पर अच्छा भोजन मिलना किस्मत की बात है। वहीं, अच्छे भोजन को पर्याप्त मात्रा में ग्रहण करना और उसे पचाने की शक्ति होना अच्छे कर्म का फल है। आसान शब्दों में आचार्य चाणक्य कहना चाहते हैं कि स्वस्थ रहकर जीवन जीना पूर्व जन्मों का तपोबल है।
- इसके आगे आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी पुरुष को खूबसूरत स्त्री पत्नी रूप में मिलना सौभाग्य की बात है। वहीं, खूबसूरत पत्नी का चरित्रवान होना पूर्व जन्मों का कर्म है। चाणक्य कहना चाहते हैं कि स्त्री तो खूबसूरत मिल जाती है, लेकिन चरित्रवान नहीं मिलती है या पति चरित्रवान नहीं मिलता है। खूबसूरत स्त्री मिलना और चरित्रवान होना किस्मत की बात है।
- आचार्य चाणक्य आगे कहते हैं कि धरती लोक पर धनवान होना किस्मत की बात है। वहीं, धनवान के साथ दानवीर होना पूर्व जन्मों के फल हैं। शास्त्रों में भी निहित है कि अच्छे कर्म करने वाले लोग ही धरती लोक पर स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति करते हैं। इसके अलावा, आचार्य चाणक्य ने स्त्री के गुणों पर भी चर्चा की है। स्त्री के स्वाभाविक दोष के बारे में भी बताया है।
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