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Chanakya Niti Tips: माता-पिता के लिए वरदान से कम नहीं है ऐसी संतान, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति

Chanakya Niti in Hindi हर व्यक्ति की अपने जीवन में यही इच्छा होती है कि उसकी संतान आगे चलकर उसका नाम रौशन करे। आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया है जो अपने माता-पिता के साथ-साथ पुरे कुल का नाम रोशन करते हैं। ऐसी संतान होना माता-पिता के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 28 Dec 2023 10:36 AM (IST)
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Chanakya Niti Tips: माता-पिता के लिए वरदान से कम नहीं है ऐसी संतान।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र का जनक माना जाता है। उन्होंने अपने नीति शास्त्र में मनुष्य के जीवन को सरल और सफल जीवन से संबंधित कुछ बातें बताई हैं। चाणक्य नीति शास्त्र में बताई गई बातों को अपनाने से व्यक्ति को अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि किस तरह की संतान अपने कुल का नाम रोशन करती है।

जरूर ध्यान रखें ये बातें

किसी भी संतान को योग्य बनाने के लिए परिजनों को उसकी अच्छी परवरिश करनी पड़ती है। क्योंकि किसी भी संतान की आदतों में उसके संस्कार झलकते हैं। ऐसे में जो माता-पिता अपनी संतान को बचपन से ही नेकी के रास्ते पर चलना सिखाते हैं, उनके बच्चे कभी उनका कहा नहीं टालते।

भाग्यशाली हैं ऐसे माता-पिता

जो संतान अपने माता-पिता, गुरुजनों, महिलाओं और बड़ों का आदर करें, वह संतान निश्चित रूप से माता-पिता के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। वहीं, जिन परिजनों की संतान आज्ञाकारी होती है, वह भी भाग्यशाली होते हैं।

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कुल का नाम रोशन करती है ऐसी संतान

आज के समय में अच्छे और बुरे के बीच का फर्क करना बहुत मुश्किल है। इसपर चाणक्य जी कहते हैं कि जिस संतान को अच्छे और बुरे के बीच में फर्क पता है, ऐसी संतान हमेशा अपने कुल का नाम रोशन करती है।

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बनी रहती है मां सरस्वती की कृपा

जो व्यक्ति हमेशा ज्ञान प्राप्त करने के लिए आतुर रहता है ऐसा व्यक्ति पर मां सरस्वती की कृपा हमेशा बनी रहती है। इसके साथ ही उस व्यक्ति को लक्ष्मी माता का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे वह आगे चलकर अपने माता-पिता के गर्व को बढ़ाता है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'