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Chanakya Niti tips: किन जगहों पर नहीं बनाना चाहिए घर? जानिए क्या कहती है चाणक्य की नीति

आचार्य चाणक्य को अर्थशास्त्र के साथ-साथ नीतिशास्त्र का भी जनक माना गया है। कई साल पहले लिखी गई चाणक्य नीति की प्रासंगिकता आज भी उसी प्रकार बनी हुई है जैसे पहले थी। वहीं आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में इस बात का भी वर्णन किया है कि किन स्थानों पर घर बनवाने से व्यक्ति को नुकसान झेलने पड़ सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 01 Jun 2024 09:00 AM (IST)
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Chanakya Niti tips: किन जगहों पर नहीं बनाना चाहिए घर?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chanakya Niti Tips: आचार्य चाणक्य का नीति शास्त्र मनुष्य को प्रेरणा देने का काम करता है। साथ ही यह ग्रंथ उन सिद्धांतों का भी वर्णन करता है, जिन्हें अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन में कई सकारात्मक बदलाव देख सकता है। घर बनाने से पहले व्यक्ति अपनी सुविधा अनुसार कई बातों का ध्यान रखता है। वहीं आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसी जगहों का भी वर्णन किया है, जहां कभी भी घर नहीं बनाना चाहिए। ऐसे में चलिए जानते हैं कि वह जगह कौन-सी हैं।

इस बात का रखें ध्यान

नीति शास्त्र में वर्णन मिलता है कि व्यक्ति को ऐसी जगह पर भूलकर भी घर नहीं बनाना चाहिए, जहां आजीविका अर्थ धन कमाने का साधन न मिले। क्योंकि यह आपके लिए जीवनभर की परेशानियों का सबब बन सकता है। इसलिए हमेशा ऐसे स्थान का ही चयन करें जहां आय के स्रोत मिल सकें।

बढ़ सकती हैं मुश्किलें

आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी व्यक्ति को ऐसी जगह घर बनाने से बचना चाहिए, जहां लोक-लाज का डर न हो और न ही कानून का कोई डर हो। क्योंकि यह भी आपके लिए आगे चलकर मुश्किलें खड़ी कर सकता है। इसलिए घर बनाने से पहले उस जगह की अच्छे से जांच-पड़ताल कर लें।

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ऐसी जगह बसाएं घर

आचार्य चाणक्य का मानना है कि घर हमेशा ऐसी जगह बनाना चाहिए, जहां परोपकारी लोग रहते हों और उनमें त्याग की भावना हो। साथ ही जहां लोग दान-पुण्य करते हों। क्योंकि उनकी संगति का असर आपके ऊपर भी पड़ेगा और आपको आने वाले जीवन में बहुत से लाभ प्राप्त होंगे।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।