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Chanakya Niti for Students: विद्यार्थी जीवन में याद रखेंगे चाणक्य जी की ये बातें, तो कभी नहीं होंगे असफल

आचार्य चाणक्य राजनीतिज्ञ कूटनीतिज्ञ रणनीतिकार के साथ-साथ अर्थशास्त्र के भी ज्ञानी थे। चाणक्य नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने ऐसी कुछ बाते बताई हैं जिन्हें यदि विद्यार्थी अपने जीवन में अपनाता है तो वह शिक्षा के क्षेत्र में सफलता (Chanakya Niti for Success) हासिल कर सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं चाणक्य जी की कुछ ऐसी ही बातें जो विद्यार्थी जीवन के लिए लाभकारी हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 02 Feb 2024 07:00 AM (IST)
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Chanakya Niti विद्यार्थी जीवन के लिए चाणक्य नीति टिप्स।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chanakya Niti Tips: आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में ऐसी कई बातें बताई है, जिन्हे जीवन में अपनाने से व्यक्ति की कई समस्याएं हल हो सकती हैं। विद्यार्थी जीवन को व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है, क्योंकि इसी से व्यक्ति का भविष्य भी तय होता है। ऐसे में यदि आप आचार्य चाणक्य की ये बातें अपने जीवन में उतारते हैं तो इससे आपको लाभ मिल सकता है।

समय की पाबंदी है जरूरी

आचार्य चाणक्य के अनुसार, विद्यार्थियों को अपना प्रत्येक कार्य समय पर कर लेना चाहिए, तभी वह जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपकी परीक्षाएं करीब हैं, तो अभी से पढ़ाई शुरू कर देनी चाहिए, क्योंकि समय पर पढ़ाई न करने से बाद में आपको ही इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।

ये है सबसे जरूर काम

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि विद्यार्थी जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी होता है। जो विद्यार्थी अपने जीवन में अनुशासन का पालन करते हैं, उन्हें सफलता पाने के लिए ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ता है। साथ ही अनुशासनप्रिय छात्र-छात्राएं अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त करने में सफल होते हैं।

आज ही छोड़ें ये बुरी आदत

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि विद्यार्थियों को बुरी आदतों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह आपके लक्ष्य प्राप्ति में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। इतना ही नहीं नशा आदि जैसी बुरी आदतें व्यक्ति के तन, मन और धन का भी नाश करती हैं। इन कार्यों को करने से मान-सम्मान में कमी आती है।

इन बातों से रहें दूर

आलस व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। ऐसे में चाणक्य नीति कहती है कि एक विद्यार्थी को आलस का त्याग कर देना चाहिए। इसके साथ ही विद्यार्थी को बुरी संगत से भी दूर रहना चाहिए। इन आदतों को छोड़कर ही एक विद्यार्थी अपने जीवन के लक्ष्य को हासिल कर सकता है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'