Chandan ki Mala: कई समस्याओं से छुटकारा दिला सकती है चंदन की माला, इस विधि से करें धारण
Chandan ki Mala हिंदू धर्म में चंदन का कई तरह से प्रयोग किया जाता है। पूजा-पाठ में चंदन का तिलक लगाया जाता है जो व्यक्ति को शांति प्रदान करने का काम करता है। वहीं जाप के लिए भी चंदन की माला का भी प्रयोग किया जाता है। चंदन की माला दो प्रकार की होती है जिसे धारण करने के अपने-अपने लाभ हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sandalwood Mala: चंदन की माला का प्रयोग केवल मंत्र जाप करने के लिए ही नहीं किया जाता, बल्कि इसे धारण करना भी बहुत-ही शुभ माना जाता है। यदि आप चंदन की माला धारण करने का पूर्ण लाभ चाहते हैं तो इसके लिए कुछ बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत है। आइए जानते हैं चंदन की माला धारण करने की विधि।
इतने प्रकार की होती है माला
चंदन की माला दो प्रकार की होती है - एक लाल (रक्ता) और सफेद (श्वेता)। लाल चंदन की माला का प्रयोग भगवान गणेश, मां दुर्गा, देवी लक्ष्मी, माता त्रिपुर सुंदरी के मंत्रो का जाप के लिए किया जाता है। वहीं, सफेद चंदन की माला से भगवान श्रीराम, विष्णु, कृष्ण, दत्तात्रेय भगवान के मंत्रों का जाप करना लाभकारी माना जाता है।
ये धारण करें सफेद चंदन की माला
सफेद चंदन की माला धारण करने से व्यक्ति को मानसिक शांति का अनुभव होता है और मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। ऐसे में मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति को सफेद चंदन की माला धारण करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है।WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें
लाल चंदन की माला के लाभ
लाल चंदन की माला से मां लक्ष्मी के मंत्रो का जाप करना बहुत-ही शुभ माना जाता है। इससे वह जल्दी प्रसन्न होती हैं, जिससे व्यक्ति की धन संबंधित समस्याएं दूर होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि प्रतिदिन विधि-विधान पूर्वक लाला चंदन की माला से मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप किया जाए तो व्यक्ति को आर्थिक लाभ हो सकता है।इस विधि से करें धारण
चंदन की माला धारण करने के लिए गुरुवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। इसके लिए सबसे पहले स्नानादि से निवृत होने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। इसके बाद चंदन की माला को गंगाजल से धो लें। इसके बाद पूजा स्थल पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के समीप एक पीले रंग का साफ कपड़ा बिछाएं और इस कपड़े पर माला को रख दें। अंत में हल्दी, पुष्प आदि से भगवान विष्णु का पूजन करें और इसके बाद चंदन की माला धारण कर लें।
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