Chandra Grahan 2023: अक्टूबर में इस दिन लगने जा रहा है चंद्र ग्रहण, क्या आप जानते हैं इसके पीछे की धार्मिक कथा
Chandra Grahan 2023 5 मई को साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण लगा था है। वहीं अक्टूबर माह में इस वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। वैज्ञानिक दृष्टि के अनुसार जब पृथ्वी चांद और सूर्य के बीच में आ जाती है तब चंद्र ग्रहण लगता है। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के पीछे एक कथा मिलती है। आइए जानते हैं वह कथा।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Thu, 19 Oct 2023 01:20 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Chandra Grahan 2023 Date: साल 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर, रविवार के दिन लगने जा रहा है। साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर को देर रात 1 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और 02 बजकर 22 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो भारत में भी दिखाई देगा। इसलिए भारत में सूतक काल मान्य होगा।
ये है पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, जब एक बार सभी देवता और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया तो अंत में मंथन द्वारा अमृत निकला। देवताओं को अमृत पान कराने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार धारण किया था। मोहिनी अवतार में भगवान विष्णु देवताओं को अमृत पिला ही रही थे कि राहु नाम का राक्षस भी देवताओं का वेश धारण कर उनके बीच में बैठ गया। जिस कारण मोहिनी ने राहु को देवता समझकर अमृत पिला दिया।
इस बीच सूर्य और चंद्र राहु को पहचान गए। उन्होंने ये बात विष्णु जी को बताई। इस पर भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन राहु के अमृत पीने के कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई। लेकिन सुदर्शन चक्र के प्रहार से उसका शरीर दो हिस्सों में बट गया। जिसमे से सिर को राहु और धड़ को केतु कहा जाता है।
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इसलिए लगता है चंद्र ग्रहण
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य और चंद्र ग्रहण लगने का संबंध इसी कथा से जुड़ा है। क्योंकि सूर्य और चंद्र ने ही राहु के बारे में विष्णु जी को बताया था, इसलिए सूर्य और चंद्र से शत्रुता का भाव रखता है। और इसी के कारण सूर्य और चंद्र को समय-समय पर ग्रसता है यानी निगल लेता है। इसे ही ग्रहण के नाम से जाना जाता है।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'