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Chandrashekhar Stotram: सोमवार के दिन करें चन्द्रशेखर अष्टक स्तोत्र का पाठ, भगवान शिव होंगे प्रसन्न

Chandrashekhar Stotram सोमवार का दिन शिव पूजन के लिए अर्पित किया गया है। इस दिन शिव जी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव उन चीजों को भी पूरा करते हैं जो हमारी किस्मत में नहीं लिखा होता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को भगवान शिव की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Mon, 08 Jan 2024 07:00 AM (IST)
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Chandrashekhar Stotram:॥ शिव चन्द्रशेखर अष्टक स्तोत्र का पाठ॥
धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Chandrashekhar Stotram: सनातन धर्म में भगवान शिव की पूजा बेहद शुभ मानी गई है। सोमवार का दिन शिव जी को समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन भोलेनाथ के अलावा चंद्रदेव की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

इसलिए जो साधक भगवान शिव को प्रसन्न करने की कामना रखते हैं, उन्हें सोमवार के दिन भगवान शिव (Shiv Pujan) की पूजा करते समय चंद्रशेखर स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए, जो यहां दिया गया है।

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॥शिव चन्द्रशेखर अष्टक स्तोत्र॥ (Chandrashekhar Stotram)

चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहि माम ।

चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्ष माम ॥॥

रत्नसानुशरासनं रजताद्रिशृङ्गनिकेतनं

सिञ्जिनीकृतपन्नगेश्वरमच्युताननसायकम ।

क्षिप्रदग्धपुरत्रयं त्रिदिवालयैरभिवन्दितं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥॥

पञ्चपादपपुष्पगन्धपदांबुजद्वयशोभितं

भाललोचनजातपावकदग्धमन्मथविग्रहम ।

भस्मदिग्धकलेबरं भव नाशनं भवमव्ययं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥॥

मत्तवारणमुख्यचर्मकॄतोत्तरीयमनोहरं

पङ्कजासनपद्मलोचनपूजितांघ्रिसरोरुहम ।

देवसिन्धुतरङ्गसीकर सिक्तशुभ्रजटाधरं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥॥

यक्षराजसखं भगाक्षहरं भुजङ्गविभूषणं

शैलराजसुतापरिष्कृतचारुवामकलेबरम ।

क्ष्वेडनीलगलं परश्वधधारिणं मृगधारिणं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥॥

कुण्डलीकृतकुण्डलेश्वर कुण्डलं वृषवाहनं

नारदादिमुनीश्वरस्तुतवैभवं भुवनेश्वरम ।

अन्धकान्तकमाश्रितामरपादपं शमनान्तकं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥॥

भेषजं भवरोगिणामखिलापदामपहारिणं

दक्षयज्ञविनाशनं त्रिगुणात्मकं त्रिविलोचनम ।

भुक्तिमुक्तिफलप्रदं सकलाघसंघनिबर्हणं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥॥

भक्तवत्सलमर्चितं निधिक्षयं हरिदंबरं

सर्वभूतपतिं परात्परमप्रमेयमनुत्तमम ।

सोमवारिदभूहुताशनसोमपानिलखाकृतिं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥॥

विश्वसृष्टिविधायिनं पुनरेव पालनतत्परं

संहरन्तमपि प्रपञ्चमशेषलोकनिवासिनम ।

कीडयन्तमहर्निशं गणनाथयूथसमन्वितं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥॥

मृत्युभीतमृकण्डुसूनुकृतस्तवं शिवसन्निधौ

यत्र कुत्र च यः पठेन्न हि तस्य मृत्युभयं भवेत ।

पूर्णमायुररोगतामखिलार्थसंपदमादरात

चन्द्रशेखर एव तस्य ददाति मुक्तिमयत्नतः ॥॥

॥ इति श्रीचन्द्रशेखराष्टकस्तोत्रं संपूर्णम ॥

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शिव नमस्कार मंत्र

''शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च

ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम''

श‍िव नामावली मंत्र

  • ''श्री शिवाय नम:
  • श्री शंकराय नम:
  • श्री महेश्वराय नम:
  • श्री सांबसदाशिवाय नम:
  • श्री रुद्राय नम:
  • ओम पार्वतीपतये नम:
  • ओम नमो नीलकण्ठाय नम:''
महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

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