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Karj Mukti Mantra: चंद दिनों में पाना चाहते हैं कर्ज से छुटकारा, तो रोजाना इन मंत्रों का जरूर करें जाप

ज्योतिषियों की मानें तो धन की देवी मां लक्ष्मी कर्ज लेने से अप्रसन्न हो जाती हैं। साथ ही कुंडली में ग्रह दशा अनुकूल न रहने और वास्तु दोष के चलते व्यक्ति की आर्थिक स्थिति डगमगा जाती है। वह कर्ज के नीचे दब जाता है। अगर आप भी कर्ज की समस्या से निजात पाना चाहते हैं तो रोजाना इन मंत्रों का जाप करें।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sat, 24 Jun 2023 05:23 PM (IST)
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Karj Mukti Mantra: चंद दिनों में पाना चाहते हैं कर्ज से छुटकारा, तो रोजाना इन मंत्रों का जरूर करें जाप

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Karj Mukti Mantra: आधुनिक समय में लोगों की जीवनशैली में व्यापक बदलाव हुआ है। आजकल लोग सुख सुविधाओं के आदी हो गए हैं। सुख-सुविधाओं की पूर्ति हेतु लोग बैंक से लोन लेकर घर और गाड़ी खरीदते हैं। कुछ लोग लग्जरी लाइफस्टाइल जीने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, जब बारी कर्ज चुकाने की आती है, तो लोगों को काफी परेशानी होती है। ज्योतिषियों की मानें तो धन की देवी मां लक्ष्मी कर्ज लेने से अप्रसन्न हो जाती हैं। साथ ही कुंडली में ग्रह दशा अनुकूल न रहने और वास्तु दोष के चलते व्यक्ति की आर्थिक स्थिति डगमगा जाती है। वह कर्ज के नीचे दब जाता है। अगर आप भी कर्ज की समस्या से निजात पाना चाहते हैं, तो रोजाना इन मंत्रों का जाप करें। इन मंत्रों के जाप से तत्काल लाभ प्राप्त होता है। आइए, ऋण मुक्ति मंत्र और स्तुति करते हैं-

कर्ज मुक्ति स्तुति

ऊँ तां मSआ वह जातवेदों लक्ष्मीमनगामिनीम् ।

यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामवश्वं पुरुषानहम् ।।

अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनाद प्रमोदिनीम् ।

श्रियं देवीमुप ह्रये श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।

ऊँ उपैतु मां देवसख: कीर्तिश्च मणिना सह।

प्रादुर्भूतोSस्मिराष्ट्रेस्मिन् कीर्त्तिमृद्धिं ददातु मे ।।

ऊँ क्षुत्पिपासमलां ज्येष्ठामलक्ष्मी नाशयाम्यहम् !

अभूतिम समृद्धिं च सर्वां निणुर्द में गृहात् ।।

ऊँ मनस: काममाकूतिं वाच: सत्यमशीमहि ।

पशूनां रूपमन्नस्य मयि: श्री: श्रयतां दश: ।।

ऊँ आप: सृजंतु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे ।

निच देवीं मातरं श्रियं वासय में कुले ।।

ऊँ आर्दा य: करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।

सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मी जातवेदो म आवह ।।

“ॐ अत्रेरात्मप्रदानेन यो मुक्तो भगवान्

ऋणात् दत्तात्रेयं तमीशानं नमामि ऋणमुक्तये।”

कर्ज मुक्ति मंत्र

1. ऊँ चंद्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम्।

तां पदिनेमीं शरणमहं प्रपघेSलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणोमि ।।

2. ऊँ आदित्यवर्णे तपसोधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोSथ विल्व: ।

तस्य फलानि तपसा नुदन्तु या अन्तरा याश्य ब्राह्मा अलक्ष्मी:।।

3. ऊँ गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम्

ईश्वरीं सर्वभूतानां तामिहोपह्रये श्रियम् ।।

4. ऊँ कर्दमेन प्रजा भूता मयि संभव कर्दम ।

श्रियं वासय में कुले मातरं पद्मालिनीम् ।।

5. ऊँ आर्द्रा पुष्करिणीं पुष्टिं पिंगला पद्ममालिनीम् ।

चन्द्रां हिरण्मयी लक्ष्मीं जातवेदो मम आवह ।।

6. ऊँ तांमSआ वह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।

यस्यांहिरण्यं प्रभूतंगावो दास्योSश्वान् विन्देयं पुरुषानहम् ।।

7. ऊँ हिरण्यवर्णा हरिणीं सुवर्णरतस्त्रजाम् ।

चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो मम आ वह ।।

8. “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर

वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा ।”

9. ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर

वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥

हनुमान ऋण मुक्ति मंत्र

10. “मंगलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रद।

स्थिरासनो महाकाय: सर्वकामविरोधक: ।।”

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।