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Sawan Sankashti Chaturthi 2023: सावन संकष्टी चतुर्थी के दिन करें इन मंत्रों का जाप, सभी कष्टों से मिलेगी निजात

Sawan Sankashti Chaturthi 2023 गजानन संकष्टी चतुर्थी के दिन विधि विधान से देवों के देव महादेव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही मनोकामना प्राप्ति हेतु संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से जातक के जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख और संकट यथाशीघ्र दूर हो जाते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 06 Jul 2023 09:44 AM (IST)
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Sawan Sankashti Chaturthi 2023: सावन संकष्टी चतुर्थी के दिन करें इन मंत्रों का जाप, सभी कष्टों से मिलेगी निजात

नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Sawan Sankashti Chaturthi 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस प्रकार, आज संकष्टी चतुर्थी है। इसे गजानन संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन विधि विधान से देवों के देव महादेव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही मनोकामना प्राप्ति हेतु संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से जातक के जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख और संकट यथाशीघ्र दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और धन का आगमन होता है। अगर आप भी भगवान गणेश को प्रसन्न कर उनकी कृपा-दृष्टि पाना चाहते हैं, तो सावन संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा के समय इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। इन मंत्रों के जाप से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। आइए, इन मंत्रों के बारे में जानते हैं-

गणेश मंत्र

ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।

निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥

ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥

गणेश बीज मंत्र

ऊँ गं गणपतये नमो नमः ।”

गणेश गायत्री मंत्र

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

संकट नाशक मंत्र

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।

नौकरी प्राप्ति हेतु मंत्र

ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

ऋण दूर करने हेतु मंत्र

“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर

वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा ।”

धन प्राप्ति हेतु मंत्र

गणपति मंत्र: श्रीं गं सौम्याय गणपतये

वर वरद सर्वजनं मे वशमानाय स्वाहा

लक्ष्मी गणेश ध्यान मंत्र

दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।