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Chaturmas 2024: चातुर्मास माह में इन बातों का रखें ध्यान, हो सकता है भारी नुकसान

चातुर्मास का महीना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस साल इसकी शुरुआत 17 जुलाई 2024 से हो रही है। वहीं इसका समापन 12 नवंबर 2024 को देवउठनी एकादशी के दिन होगा। इस दौरान भगवान शंकर और श्री हरि विष्णु की पूजा होती है तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 23 Jun 2024 12:47 PM (IST)
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(Chaturmas 2024: चातुर्मास माह में न करें ये काम
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चातुर्मास का महीना बेहद शुभ माना जाता है। यह चार महीने की अवधि होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल इसकी शुरुआत 17 जुलाई, 2024 से हो रही है। वहीं, इसका समापन 12 नवंबर, 2024 को देवउठनी एकादशी के दिन होगा। इस दौरान भगवान शंकर और श्री हरि विष्णु की पूजा होती है।

ऐसा माना जाता है कि इस अवधि (Chaturmas 2024) में ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ और धार्मिक कार्य करने चाहिए, हालांकि इस दौरान मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए।

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चातुर्मास माह में न करें ये काम

  • चातुर्मास माह में तामसिक चीजें जैसे- मांस, मदिरा, अंडा, प्याज और लहसुन का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • इस दौरान लंबी यात्रा भी नहीं करना चाहिए।
  • इस मास में नशे से दूर रहना चाहिए।
  • इस दौरान भूलकर भी शुभ व नए कार्य नहीं करने चाहिए।
  • इस माह में किसी के साथ गलता व्यवहार नहीं करना चाहिए।
  • इस माह किसी की बुराई करने से बचना चाहिए।
  • इस माह में गलती से कन्याओं का अपमान नहीं करना चाहिए।

भगवान शंकर का नमस्कार मंत्र

1. शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।

ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

भगवान शिव मंत्र

2.।।ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।

3.।। ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात ।।

श्री हरि पूजन मंत्र

4. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

5. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।