Chaturmas Ke Mantra: चातुर्मास में रोजाना करें इन मंत्रों का जाप, सौभाग्य में वृद्धि करेंगे भगवान विष्णु
चातुर्मास वह समय है जब भगवान विष्णु 4 माह के लिए क्षीरसागर में विश्राम करने चले जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु शनयकाल में जाते हैं जिसके बाद कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी पर पुनः निद्रा से जागते हैं। चातुर्मास की शुरुआत 17 जुलाई 2024 से हो चुकी है जिसका समापन 12 नवंबर को होगा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान विष्णु को चातुर्मास का स्वामी माना गया है। यदि इस अवधि में भगवान विष्णु की आराधना की जाए, तो इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में आप चातुर्मास में भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप कर उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। चलिए पढ़ते हैं भगवान विष्णु के कुछ शक्तिशाली मंत्र।
भगवान विष्णु के मंत्र
ॐ नमोः नारायणाय॥
विष्णु भगवते वासुदेवाये मंत्र
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥
विष्णु गायत्री मंत्र
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
विष्णु शान्ताकारम मंत्र
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
मंगलम भगवान विष्णु मंत्र
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
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विष्णु अष्टाक्षर मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो नारायणाय
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
भगवान विष्णु का पंचरूप मंत्र
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
भगवान विष्णु के शक्तिशली मंत्र
ॐ अं वासुदेवाय नम:
ॐ आं संकर्षणाय नम:
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
ॐ नारायणाय नम:
इन कार्यों से मिलता है लाभ
भगवान विष्णु में भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे साधक को जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। विष्णु जी की कृपा प्राप्ति के लिए चातुर्मास में व्रत रखना, पवित्र नदियों में स्नान करना और रामायण, भगवद गीत जैसे धर्मग्रंथों का पाठ करना शुभ फलदायी माना जाता है। लेकिन इस दौरान विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश आदि कार्यों की मनाही होती है।
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