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Chaturthi Vrat 2024: जून में कब कौन-सी चतुर्थी है? जानें सही तिथि और पूजा टाइम

Chaturthi Vrat 2024June चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश (Lord Ganesha) की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इससे जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सभी विघ्नों का नाश होता है। इस दिन प्रभु को विशेष चीजों का भोग जरूर लगाना चाहिए। इससे गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं और जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 26 May 2024 12:17 PM (IST)
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Chaturthi Vrat 2024: जून में कब कौन-सी चतुर्थी है? जानें सही तिथि और पूजा टाइम
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaturthi Vrat 2024 June: सनातन धर्म में शुभ और मांगलिक कार्यों में सर्वप्रथम भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। भगवान गणेश को चतुर्थी तिथि समर्पित है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणपति बप्पा की उपासना की जाती है। साथ ही सभी विघ्नों से छुटकारा पाने के लिए व्रत भी किया जाता है। अब जून का महीना शुरू होने वाला है, तो ऐसे में आइए जानते हैं कि इस माह में कब कौन-सी चतुर्थी है?

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विनायक चतुर्थी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi 2024 Date and Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 जून को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और इसके अगले दिन 10 जून को दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में विनायक चतुर्थी व्रत 10 जून को किया जाएगा।

कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी 2024 डेट और और शुभ मुहूर्त (Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024 Date and Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 25 जून को मध्यरात्रि 01 बजकर 23 मिनट पर होगी और इसका समापन 25 जून को सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर होगा। ऐसे में कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का पर्व 25 जून को मनाया जाएगा।

चतुर्थी व्रत का महत्व (Chaturthi Vrat Significance)

चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इससे जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सभी विघ्नों का नाश होता है। इस दिन प्रभु को विशेष चीजों का भोग जरूर लगाना चाहिए। इससे गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।

पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जा

गणेश गायत्री मंत्र

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

शुभ लाभ गणेश मंत्र

ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।