Chawal Ke Totke: चावल के इन उपाय से आर्थिक तंगी से होगी दूर, मनचाही मिलेगी जॉब
चावल को अक्षत के नाम से भी जाना जाता है जिसका मतलब होता है जो टूटा हुआ न हो। ज्योतिष शास्त्र में चावल के कई तरह के उपाय बताए गए हैं जो इंसान के जीवन के लिए फलदायी साबित होते हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। ऐसे में आइए जानते हैं चावल के इन चमत्कारी टोटके के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chawal Ke Totke: सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने का बेहद खास महत्व है। पूजा थाली में कई चीजों को शामिल किया जाता है। इनमें चावल भी शामिल है। पूजा में चावल का प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चावल के उपाय करने से अन्न और धन की कमी हो होती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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चावल के उपाय (Chawal Ke Upay)
- अगर आप जीवन में अन्न और धन की कमी का सामना कर रहे हैं, तो किसे बड़े बर्तन में चावल रखें और उसपर मां अन्नपूर्णा को विराजमान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से इंसान को धन-वैभव की प्राप्ति होती है। इसके अलावा चावल को कुमकुम के साथ प्रभु को चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- खराब आर्थिक स्थिति से मुक्ति पाने के लिए शिवलिंग के सामने थोड़े से चावल लेकर सच्चे मन से 'ऊं नम: शिवाय' मंत्र का जप 108 बार करें। इसके पश्चात एक मुट्ठी चावल शिवलिंग पर अर्पित करें और बचे हुए चावल किसी गरीब इंसान को दे दें। कहा जाता है कि ऐसा करने से इस टोटके को करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और धन लाभ के योग बनते हैं।
- माना जाता है कि पितृदोष लगने पर इंसान को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में अमावस्या के दिन चावल की खीर बनाकर कौओं को खिलाएं। इस टोटके को करने से पितृदोष से छुटकारा मिलता है।
- अगर आप कई बार इंटरव्यू दे चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी जॉब नहीं मिल रही है, तो ऐसी स्थिति में आप चावल के उपाय जरूर करें। मनचाही जॉब पाने के लिए एक सप्ताह तक कौओं को मीठे चावल खिलाएं। ऐसा करने से नौकरी लगने के योग बनते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।