Chhath Puja 2023: आज से शुरू है छठ का पर्व, जानें इसका महत्व
Chhath Puja 2023 छठ पूजा का सनातन धर्म में बड़ा धार्मिक महत्व है। इस पर्व पर व्रती भगवान सूर्य और छठ माता से प्रार्थना करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। साथ ही लोग सूर्य के प्रति अपना सम्मान और आभार भी व्यक्त करते हैं क्योंकि वो सभी जीवित प्राणियों को प्रकाश सकारात्मकता और जीवन प्रदान करते हैं।
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Fri, 17 Nov 2023 09:50 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chhath Vrat 2023: छठ पूजा सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर, भक्त बड़ी श्रद्धा के साथ भगवान सूर्य और छठ माता की पूजा करते हैं। यह व्रत (Chhath Puja) पूरी तरह से छठी मैया की पूजा को समर्पित है। यह पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से शुरू होता है और पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
छठ पूजा समयइस साल यह पर्व 17 नवंबर से शुरू होगा और 20 नवंबर को समाप्त होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग इस व्रत को रखते हैं, उन्हें पवित्रा का खास ख्याल रखना चाहिए, जिससे बिना किसी बाधा के व्रत संपूर्ण हो सके।
छठ पूजा के दौरान अर्घ्य देते समय इन मंत्रों को करें जापॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
छठ पूजा का धार्मिक महत्वछठ पूजा का सनातन धर्म में बड़ा ही धार्मिक महत्व (Chhath Puja importance) है। इस पर्व पर व्रती भगवान सूर्य और छठ माता से प्रार्थना करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। साथ ही लोग सूर्य के प्रति अपना सम्मान और आभार भी व्यक्त करते हैं, क्योंकि वो सभी जीवित प्राणियों को प्रकाश, सकारात्मकता और जीवन प्रदान करते हैं।
छठ पूजा को सूर्य षष्ठी, डाला छठ, प्रतिहार और छठी के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा परिवार और बच्चों की सलामती के लिए रखा जाता है और वे सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान सूर्य और छठी मैया की प्रार्थना करती हैं।
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