Chhath Puja 2023: लोक आस्था का महापर्व है छठ व्रत, इन चीजों के बिना अधूरी मानी जाती है पूजा
chhath puja samagri छठ को लोक आस्था का महापर्व भी कहा जाता है। इसकी शुरुआत कार्तिक मास में पढ़ने वाली शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से होती है। ऐसे में छठ पूजा में केवल कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। छठ का पर्व चार दिनों तक चलता है जिसकी शुरुआत नहाए खाय से होती है और इसका समापन छठ पूजा के दिन संध्या अर्घ्य देकर किया जाता है।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Wed, 15 Nov 2023 12:55 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chhath Puja 2023 Date: उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों और बिहार में छठ पर्व मुख्य रूप से मनाया जाता है। इस दौरान स्वच्छता और पवित्रता का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है। इस साल छठ पर्व की शुरुआत 17 नवंबर यानी नहाय खाय से हो रही है। वहीं इसका समापन 19 नवंबर को छठ पूजा का संध्या अर्घ्य देकर किया जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि वह कौन-सी चीजें हैं, जिसके बिना छठ पूजा अधूरी मानी जाती है।
बना रहेगा मां लक्ष्मी का वास
हिंदू धर्म में नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। यदि आप छठ पूजा में नारियल को शामिल करते हैं, तो इससे मां लक्ष्मी का घर में वास बना रहता है और साधक को पैसों की तंगी का सामना नहीं करना पड़ता।
इसका होना जरूरी
छठ पूजा में छठी मैया को फल अर्पित करने का विशेष महत्व है। ऐसे में अपनी पूजा में केले को जरूर शामिल करें। भगवान विष्णु की पूजा में भी केले को जरूरी माना गया है। इससे आपको छठी मैया की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है।गन्ने का इस तरह करें इस्तेमाल
छठ पूजा में गाना भी विशेष रूप से शामिल किया जाता है। वहीं, छठ के दिन गन्ने का घर बनाकर उसमें बैठकर पूजा करने से साधक के घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।
डाभ नींबू
डाभ नींबू सामान्य से थोड़ा अलग होता है। यह ऊपर से तो पीले रंग का होता है, लेकिन अंदर से इसका रंग लाल होता है। छठ मैया की पूजा में इसे भी अनिवार्य माना गया है। ऐसे में इसे अपनी पूजा फलों में शामिल करना न भूलें।सिंघाड़ा जरूर करें शामिल
सिंघाड़ा भी छठ मैया की पूजा में जरूरी शामिल करना चाहिए। माना जाता है कि अगर आप छठ पूजा में सिंघाड़े को शामिल करते हैं, तो इससे छठी मैया का आशीर्वाद आपके और आपके परिवार के ऊपर बना रहता है।