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Chhath Puja 2023 : छठी मैया की आरती के साथ करें छठ व्रत का समापन, पूरी होगी हर मनोकामना

Chhath Puja 2023 छठ महापर्व पर सूर्यदेव और छठ माता की पूजा का विधान है। यह व्रत सनातन धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को नहाय खाय से होती है। इस दौरान अगर छठ माता की पूजा विधि अनुसार की जाए तो पूरा जीवन सुखमय बीतता है।

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Fri, 17 Nov 2023 02:04 PM (IST)
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Chhath Puja 2023 : छठी मैया की आरती

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chhath Puja 2023 : छठ महापर्व की शुरुआत नहाय खाए यानी आज से हो गई है। यह व्रत हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। चार दिवसीय यह व्रत जो भक्त सच्ची श्रद्धा और समर्पण के साथ करते हैं, उनके परिवार को कभी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता है। यह पर्व (Chhath Puja) विशेष रूप से छठ माता और सूर्य भगवान की पूजा के लिए समर्पित है।

इस व्रत की पूजा खास विधि से करनी चाहिए। साथ ही पूजा का समापन छठी मैया (Chhathi Maiya) की आरती से करना चाहिए, जो इस प्रकार है-

।।छठी मैया की आरती ।।

जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।

अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।

सूर्य भगवान को अर्घ्य देते समय करें इस मंत्र का जाप

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।

अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।

ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।

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छठ पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जाप

ॐ मित्राय नम:, ॐ रवये नम:, ॐ सूर्याय नम:, ॐ भानवे नम:, ॐ खगाय नम:, ॐ घृणि सूर्याय नम:, ॐ पूष्णे नम:, ॐ हिरण्यगर्भाय नम:, ॐ मरीचये नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ सवित्रे नम:, ॐ अर्काय नम:, ॐ भास्कराय नम:, ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:

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