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Chhath Puja 2023: छठ पूजा के तीसरे दिन पूजा में शामिल करें ये चीजें, जानिए संध्या अर्घ्य पूजा सामग्री लिस्ट

Chhath Puja 2023 चार दिवसीय त्योहार के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसे संध्या अर्घ्य या पहला अर्घ्य के रूप में जाना जाता है। इस दिन भक्त अपने परिवार की लंबी उम्र और खुशी के लिए आशीर्वाद मांगते हैं जो लोग छठ पूजा का व्रत पहली बार रख रहे हैं उनके लिए यहां पूजा सामग्री लिस्ट बताई गई है।

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sun, 19 Nov 2023 11:37 AM (IST)
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Chhath Puja 2023:संध्या अर्घ्य पूजा सामग्री लिस्ट

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chhath Puja 2023: छठ पूजा का पर्व सनातन धर्म में बेहद खास माना गया है। इस दिन भगवान सूर्य और छठ माता की पूजा का विधान है। इस साल यह पर्व 17 नवंबर को शुरू हुआ है। आज छठ पूजा का तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण दिन है। छठ पूजा के चार दिवसीय त्योहार के तीसरे दिन, डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसे संध्या अर्घ्य या पहला अर्घ्य के रूप में जाना जाता है।

इस दिन भक्त अपने परिवार की लंबी उम्र और खुशी के लिए आशीर्वाद मांगते हैं, जो लोग छठ पूजा का व्रत पहली बार रख रहे हैं उनके लिए यहां पूजा सामग्री लिस्ट बताई गई है, जिससे वो मदद ले सकते हैं।

संध्या अर्घ्य पूजा सामग्री लिस्ट

इस दिन की पूजा सामग्री लिस्ट में एक बांस या पीतल का सूप, एक गिलास, कटोरा, चम्मच, दूध और पानी के लिए तांबे का घड़ा, एक बड़ी टोकरी, एक प्लेट, एक दीपक, खाजा या कोई अन्य मिठाई, एक नई साड़ी, दो बड़ी बांस की टोकरियां, दूध और पानी के लिए एक गिलास, एक लोटा और थाली, चम्मच, पांच गन्ने के पत्ते, गन्ना और शकरकंद, पान और सुपारी, केला, अनानास, बड़े मीठे नींबू, मूली, अदरक, गन्ना, कच्ची हल्दी और पानी वाला नारियल शामिल हैं।

छठ पूजा के दौरान पूजा में इन चीजों को जरूर शामिल करें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि टोकरी में ठेकुआ के साथ फल और सब्जियां रहे। सूर्य को अर्घ्य देते समय सारा प्रसाद सूप में रखें। सूप में दीपक जलाएं। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें।

अर्घ्य मंत्र

  • ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।

    अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।

  • ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
  • ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
  • ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।