Move to Jagran APP

Chhath Puja 2024: 'जय छठी मैया'... इस आरती के बिना अधूरी है छठ पूजा, जरूर करें इसका पाठ

छठ पूजा पर भगवान सूर्य और छठी माता की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। पंचांग के अनुसार इस साल छठ पूजा की शुरुआत 5 नवंबर यानी आज से हो रही है तो चलिए इस पर्व ( Chhath Puja 2024) से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों क जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Tue, 05 Nov 2024 06:30 AM (IST)
Hero Image
Chhath Puja 2024: 'जय छठी मैया'... आरती।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में छठ पूजा का बहुत ज्यादा महत्व है। इस साल इस महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ 5 नवंबर यानी आज से हो रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान 36 घंटे का कठोर उपवास किया जाता है और सूर्य देव के साथ उनकी बहन छठी माता की पूजा होती है। आमतौर पर छठ पूजा बिहार और यूपी के सबसे बड़े और प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व (Chhath Puja 2024) वैदिक युग से चला आ रहा है। ऐसे में जो लोग छठी मैया की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें इस महापर्व के पावन समय सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इसके साथ ही श्रद्धा के साथ उनकी आरती करनी चाहिए, जो इस प्रकार है।

।।छठ माता की आरती।। (Chhathi Maiya Ki Aarti)

जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह समय संतान से जुड़ी सभी मुश्किलों से छुटकारा पाने के लिए बहुत खास होता है, जिन लोगों को संतान से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या है, उन्हें इस व्रत का पालन अवश्य करना चाहिए।

अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

पंचांग के अनुसार, विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से 02 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। वहीं, गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस दौरान आप किसी भी प्रकार का शुभ कार्य व पूजा-पाठ कर सकते हैं।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: छठ पूजा के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, व्रत से पहले जानें इसके नियम

अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।