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Chhath Puja Kharna 2024: छठ पूजा का दूसरा दिन आज, जानें कैसे होती है खरना पूजा?

खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद से ही छठ का व्रत शुरुआत हो जाती है इसलिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है। इस व्रत में 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखे जाने का विधान है। इस दौरान कई तरह के नियमों का ध्यान रखा जाता है ताकि व्रत का पूर्ण फल प्राप्त किया जा सके। ऐसे में चलिए जानते हैं कि खरना (Chhath Puja Kharna 2024)किस तरह किया जाता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 06 Nov 2024 10:08 AM (IST)
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Kharna 2024 जानिए खरना, से जुड़ी जरूरी बातें। (Picture Credit: Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। लगभग 4 दिनों तक चलने वाली छठ पूजा को लोक आस्था का महापर्व भी कहा जाता है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। ऐसे में इस साल यह पर्व मंगलवार, 05 नवंबर से शुरू हो गया है। वहीं इसके अलगे दिन यानी बुधवार, 06 नवंबर (Chhath Puja Kharna 2024 Date) यानी खरना पूजा है। इस दौरान मुख्य रूप से भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है। छठ पर्व के दौरान नहाय खाय और खरना का विशेष महत्व है। इस दौरान साधक अपनी स्वच्छता और पवित्रता का विशेष रूप से ध्यान रखते हैं।

खरना का महत्व

छठ पर्व (Chhath Puja 2024) में खरना का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन पर व्रत करने वाली महिलाएं सबसे पहले नए मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ और चावल की खीर बनाती हैं। इसके बाद इस खीर का भोग छठी मैया को लगाया जाता है और इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इसी के बाद से सूर्योदय और सूर्यास्त तक चलने वाले निर्जला व्रत की शुरुआत होती है।

सूर्यास्त होने के बाद सूर्य देव को भोजन अर्पित करने किया जाता है और व्रत का पारण किया जाता है। खरना में व्रती को स्वच्छता और पवित्रता का विशेष रूप से ध्यान रखना होता है, अन्यथा व्रत खंडित हो सकता है। खरना को लेकर यह मान्यता है कि इससे छठी मैया का साधक के घर में प्रवेश होता है।

किस तरह किया जाता है खरना

  • शाम के समय मिट्टी के चूल्हे पर पारंपरिक भोजन जैसे साठी के चावल, गुड़ और दूध की खीर बनाई जाती है।
  • सबसे पहले भोग छठ माता को अर्पित किया जाता है और इसके बाद व्रती द्वारा ग्रहण किया जाता है।
  • इसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है।
  • यह व्रत का पारण चौथे दिन प्रातः काल सूर्य को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है।
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सूर्योदय और सूर्यास्त का समय (Chhath Puja Kharna Time)

छठ पूजा में सूर्योदय और सूर्यास्त का समय बहुत ही जरूरी माना जाता है, क्योंकि खरना के दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला व्रत किया जाता है। ऐसे में खरना के दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 37 मिनट पर होगा। वहीं सूर्यास्त का समय शाम 05 बजकर 32 मिनट तक रहने वाला है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।