Chhath Puja 2024 Bhajan: ये हैं छठ पूजा के टॉप गीत, एक बार सुनते ही झूम उठेंगे आप
छठ पूजा के महापर्व को बिहार समेत देशभर के कई हिस्सों में मनाया जाता है। इस उत्सव को कार्तिक माह में 04 दिनों तक सच्ची श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान लोग छठी मैया के भजन गाते हैं जिससे घर से लेकर घाट तक माहौल भक्तिमय होता है। आइए सुनते हैं छठी मैया के कुछ प्रसिद्ध (Chhath Puja ke Geet) भजन।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। छठ पूजा के महापर्व के आने का हर उम्र के लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। पंचांग के अनुसार, छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से होती है और महापर्व का समापन अष्टमी तिथि पर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद होता है। इसके बाद महिलाएं व्रत का पारण करती हैं। साथ ही लोगों में प्रसाद का वितरण किया जाता है। इस उत्सव के दौरान बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। लोग घरों और घाटों पर छठी मैया के भजन गातें है। अगर आप भी छठ पूजा के दिन माहौल को भक्तिमय बनाना चाहते हैं, तो आप इस आर्टिकल में दिए गए छठी मैया के भजन (Chhath Puja 2024 Bhajan) सुन सकते हैं।
छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है। इस बार नहाय खाय 05 नवंबर को है। इस दिन व्रती महिलाएं तालाब और नदी में स्नान करती हैं। इसके बाद नए चूल्हे और बर्तन में कच्चे चावल का भात, चना दाल और कद्दू या लौकी का प्रसाद बनाया जाता है। प्रसाद को बनाते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दिन लोग छठी मैया (Chhath Puja Geet Ke Lyircs) के भजन सुनना बेहद पसंद करते हैं।
छठ पर्व के दूसरे दिन खरना पूजा होती है। इस बार खरना पूजा 06 नवंबर को है। इस दिन गुड़ और चावल की खीर बनाई जाती है, जिसके बाद उसे भोग के रूप में छठी मैया को अर्पित किया जाता है। छठ पूजा के प्रसाद को बनाते समय कई महिलाएं छठी मैया के भजन (Chhath Puja Song Lyrics) को सुनती हैं, जिसे घर का वातावरण भक्तिमय होता है।
यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: क्या है छठ पूजा में नहाय-खाय का महत्व, आखिर क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण?इसके अगले दिन यानी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर व्रत और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन लोग तालाब, झील या नदी में सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस दौरान बहुत ही खास रौनक देखने को मिलती है, क्योंकि तालाब और झील पर छठी मैया के भजन (Chhath Puja Geet Arag) सुनने को मिलते हैं।
इसके बाद अष्टमी तिथि पर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है और लोगों में छठी मैया के प्रसाद का वितरण किया जाता है।यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: छठ पूजा के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, व्रत से पहले जानें इसके नियम
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