Chhath Puja 2024 Kharna: खरना पर दुर्लभ शिववास योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा अक्षय फल
सनातन धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है। यह पर्व कार्तिक माह में मनाया जाता है। इस दौरान छठी मैया की पूजा की जाती है। साथ ही सूर्य देव की उपासना की जाती है। सूर्य देव की उपासना करने से कई प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 04 Nov 2024 09:18 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। छठ पूजा के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है। इस वर्ष छठ पूजा 5 नवंबर से लेकर 8 नवंबर तक है। खरना के दिन व्रती (महिलाएं) दिन भर निर्जला उपवास रखती हैं। वहीं, संध्याकाल में स्नान-ध्यान कर छठी मैया की पूजा की जाती है। इस समय छठी मैया को प्रसाद में गुड़ से निर्मित चावल की खीर और रोटी अर्पित किया जाता है। इसके बाद व्रती प्रसाद ग्रहण कर परिवार के सदस्यों के मध्य वितरित करती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो छठ पूजा के दूसरे दिन खरना के शुभ अवसर पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में छठी मैया की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
कब मनाया जाता है खरना? (kab hai Kharna)
हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना मनाया जाता है। इस दिन संध्याकाल में पूजा की जाती है। इसके अगले दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। जबकि, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाता है।खरना शुभ मुहूर्त (Chhath Puja 2024 Subh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 07 नवंबर को देर रात 12 बजकर 41 मिनट तक है। व्रती संध्याकाल में सूर्यास्त के बाद स्नान-ध्यान कर छठी मैया की पूजा कर सकती हैं।