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Chhath Puja 2024: छठ पूजा की डेट को लेकर न हो कन्फ्यूज, जानें क्या है पर्व की सही तारीख

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ पूजा (Chhath Puja 2024 Date) का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को छठ महापर्व के नाम से भी जाना जाता है। पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है और उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद उत्सव का समापन होता है। धार्मिक मान्यता है कि व्रत को करने से संतान को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 22 Oct 2024 01:53 PM (IST)
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Chhath Puja 2024: छठ पूजा का धार्मिक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में छठ महापर्व का विशेष महत्व है। इस पर्व को लोग बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं। व्रत को संतान की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए विधिपूर्वक किया जाता है। इस व्रत के दौरान स्वच्छता और पवित्रता का खास ध्यान रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि व्रत को करने से जातक को संतान की प्राप्ति होती है। छठ पूजा (Chhath Puja 2024 Vrat) के प्रसाद को बनाने के लिए चांदी, स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इसकी जगह आप मिट्टी के चूल्हे और बर्तनों का प्रयोग करें। इस बार छठ पूजा की डेट को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में आइए जानते हैं इस बार छठ पूजा का पर्व किस तारीख को मनाया जाएगा?

कब है छठ पूजा 2024 (Chhath Puja Date and Time)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर संध्याकाल का अर्ध्य दिया जाता है। ऐसे में अगर बिहार में दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा, तो छठ पूजा 06 नवंबर (Chhath Puja Shubh Muhurat) को मनाई जाएगी। यदि बिहार में दिवाली का पर्व 01 नवंबर को मनाया जाएगा, तो छठ महापर्व 07 नवंबर को मनाया जाएगा।

(Pic Credit-Freepik)

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छठ पूजा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान ((Chhath Puja Vrat Niyam))

  • अगर आप छठ का व्रत कर रहे हैं, तो सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले किसी चीज का सेवन न करें। इसके अलावा व्रती को जमीन पर सोना चाहिए।
  • व्रती को साफ वस्त्र धारण करने चाहिए। तामसिक भोजन और मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • छठ पूजा की सामग्री को झूठे और गंदे हाथ से न छुए।
  • व्रत के दौरान किसी से वाद-विवाद न करें।
  • पूजा के दौरान बांस के सूप का इस्तेमाल करना चाहिए। सूर्य देव की पूजा के समय सूप में ही पूजन सामग्री को रखकर उनको अर्पित किया जाता है।
  • छठ पूजा एकमात्र ऐसा पर्व है जब डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, क्योंकि सनातन धर्म में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।

सूर्य देव को अर्घ्य देते समय करें इन मंत्रों का जप (Chhath Puja Mantra)

  • ॐ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकंपय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:
  • ॐ सूर्याय नमः
  • ॐ आदित्याय नमः
  • ॐ नमो भास्कराय नमः
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
  • ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।