Chhath Puja 2024: जानिए कौन हैं छठी मैया, इस तरह जुड़ा है भगवान शिव से नाता
लोक आस्था का महापर्व अर्थात छठ पूजा का पर्व लगभग 4 दिनों तक चलता है। यह पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाए जाने का विधान है। इस महापर्व में भगवान सूर्य के साथ-साथ छठी मैया की भी पूजा की जाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि छठी मैया कौन हैं और उनका भगवान शिव से क्या नाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस साल छठ पर्व (Chhath Puja 2024) की शुरुआत मंगलवार, 05 अक्टूबर से हो रही है। छठ पूजा के दौरान 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखे जाने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि छठी माता के पूजन से साधक को आरोग्यता, वैभव और संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है। इस दौरान उगते हुए व डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से छठ माता की पूजा का विधान है। तो चलिए जानते हैं कि छठ माता की उत्पत्ति कैसे हुई?
कौन हैं छठी मैया
मार्कण्डेय पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि जब ब्रह्मा जी ने पृथ्वी का निर्माण शुरू किया तो उन्होंने प्रकृति का भी निर्माण किया। इसके बाद देवी प्रकृति ने स्वयं को छह रूपों में विभाजित किया। जिसके छठे अंश को छठी मैया के रूप में जाना गया। इसी प्रकार छठी मैया को ब्रह्मा जी की मानस पुत्री के रूप में भी जाना जाता है। बच्चे के जन्म के छठे दिन भी देवी के इसी स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे बालक को अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
भगवान शिव से संबंध
धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवसेना अर्थात छठी मैया का विवाह भगवान शंकर के पुत्र कार्तिकेय से हुआ था। इस नाते से वह भगवान शिव की पुत्रवधू हुईं। वहीं कई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठी मैया को सूर्य देव की बहन भी बताया गया है।यह भी पढ़ें - Chhath Puja 2024: कैसे किया जाता है खरना, इसी से होती है निर्जला व्रत की शुरुआत