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Chhath Puja 2024: नवंबर महीने में कब है छठ पूजा? नोट करें नहाय-खाय और खरना की सही डेट

सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है। इस महीने में कई प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें करवा चौथ धनतेरस दिवालीभाई दूज छठ पूजा आदि प्रमुख हैं। इनमें छठ पूजा (Chhath Puja November 2024 Date) शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। यह पर्व सूर्य देव को समर्पित होता है। इस दौरान सूर्य देव की पूजा और उपासना की जाती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 16 Oct 2024 05:45 PM (IST)
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Chhath Puja 2024: छठ पूजा का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया जाता है। छठ के दौरान सूर्य देव की पूजा-उपासना की जाती है। इस पर्व की शुरुआत नहाय खाय से होती है। नहाय खाय कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इसके अगले दिन खरना मनाया जाता है। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की ष्ष्ठी तिथि को डूबते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। जबकि, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का समापन होता है। व्रती खरना पूजा के बाद लगातर 36 घंटे तक निर्जला उपवास करती हैं। आइए, छठ पूजा की सही डेट एवं मुहूर्त (Chhath Puja Date And Time) जानते हैं-

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छठ पूजा शुभ मुहूर्त (Chhath Puja 2024 Subh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 07 नवंबर को देर रात 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 08 नवंबर को देर रात 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी। अत: 07 नवंबर को संध्याकाल का अर्ध्य दिया जाएगा। इसके अगले दिन यानी 08 नवंबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा।

कब है नहाय खाय ? (kab hai Nahay Khay)

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय खाय होता है। इस दिन व्रती गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान के बाद सूर्य देव की पूजा करते हैं। इसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं। भोजन में चावल-दाल और लौकी की सब्जी ग्रहण करती हैं। पंचांग गणना के अनुसार, 05 नवंबर को नहाय खाय है।

कब है खरना ? (Kab hai Kharna)

लोक आस्था महापर्व के दूसरे दिन यानी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को खरना मनाया जाता है। इस दिन व्रती दिन भर निर्जला उपवास रखती हैं। संध्याकाल में स्नान-ध्यान कर छठी मैया के निमित्त पूजा करती हैं। पूजा के बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करती हैं। इसके बाद निर्जला व्रत की शुरुआत होती है। इस वर्ष 06 नवंबर को खरना है।

कब दिया जाएगा अर्घ्य

  • कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी 07 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
  • कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि यानी 08 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य जाएगा।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।