Shivaji Jayanti 2022: छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती आज, जानिए इतिहास और महत्व
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2022 महान मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की आज 392वीं जयंती मनाई जा रही है। जानिए दो तिथियों में क्यों मनाई जाती है शिवाजी जयंती साथ ही जानिए शिवाजी जयंती मनाने के पीछे का कारण।
By Shivani SinghEdited By: Updated: Mon, 21 Mar 2022 01:49 PM (IST)
नई दिल्ली, Shivaji Maharaj Jayanti 2022: शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसे छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में न पता हो। वीर सपूतों में से एक माने जाने वाले शिवाजी महाराज भारतीय गणराज्य के महानायक माने जाता थे। मराठा गौरव ने ही साल 1674 में भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी। वह एक धर्मनिरपेक्ष राजा थे।
छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को मराठा परिवार में हुआ था। इसी कारण हर 19 फरवरी को उनकी जयंती मनाई जाती है। लेकिन हिंदू संवत कैलेंडर के अनुसार, छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती इस साल 21 मार्च 2022 को मनाई जा रही है। इस साल मराठा गौरव की 392 जयंती के रूप में मनाया जा रहा है।
बता दें कि शिवाजी महाराज का नाम शिवाजी भोंसले था। लेकिन साल 1674 में औपचारिक तौर से उन्हें मराठा साम्राज्य का ताज पहनाया। जिसके बाद से वह छत्रपति कहलाएं।
मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य में जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के सबसे बहादुर और बुद्धिमान सम्राटों में से एक थे। इतिहास इस बात का गवाह है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र न तो दिल्ली की गद्दी के आगे झुका और न ही अंग्रेजों के सामने।
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का इतिहास
इस जयंती को मनाने की शुरुआत साल 1870 में पुणे में महात्मा ज्योतिराव फुले द्वारा की गई थी। उन्होंने ही रायगढ़ में शिवाजी की समाधि की खोज की थी। इसके बाद शिवाजी की जयंती को आगे मनाने की परंपरा गंगाधर तिलक ने जारी रखी। इतना ही नहीं बाल गंगाधर तिलक से छत्रपति शिवाजी महाराज की छवि को फेमस करने के साथ अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट करने और लोगों को हिम्मत बढ़ाने के लिए उनकी वीरता काफी काम आईं। इसी कारण हर साल छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाई जाती है।
शिवाजी महाराज अपनी अद्भुत रणनीति, उत्कृष्ट नेतृत्व गुण के कारण जाने जाते थे। उन्होंने कई बार अंग्रेजों की सेना को धूल चटाई थी। मराठा साम्राज्य के योद्धा वीर शिवाजी ने सिर्फ गोरिल्ला युद्ध नीति को जन्म ही नहीं दिया बल्कि इस नीति से कई युद्ध भी लड़े।Pic Credit- Instagram/raigad_cultureडिसक्लेमर'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'