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Chitragupta Puja 2024: आज मनाई जा रही है चित्रगुप्त पूजा, नोट करें शुभ मुहूर्त और नियम

चित्रगुप्त पूजा का हिंदू धर्म में खास महत्व है। भगवान चित्रगुप्त हर एक इंसान द्वारा किए गए कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। चित्रगुप्त जी की पूजा में विशेष पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं जिनका अपना एक विशेष महत्व है। पंचांग के आधार पर यह पूजा (Chitragupta Puja 2024) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को की जाती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 03 Nov 2024 10:05 AM (IST)
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Chitragupta Puja 2024: चित्रगुप्त पूजा 2024 विधि।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में चित्रगुप्त पूजा का बड़ा धार्मिक महत्व है। यह दिन पूरी तरह से हमारे कर्मों का सारा लेखा-जोखा रखने वाले चित्रगुप्त जी की पूजा के लिए समर्पित है। चित्रगुप्त जी को न्याय के देवता के रूप में भी जाना जाता है, जो व्यक्ति के कर्मों के अनुसार सजा और इनाम तय करते हैं। पंचांग के अनुसार, यह दिन हर साल यम द्वितीया यानी भाई दूज के दिन मनाया जाता है। इस साल चित्रगुप्त पूजा (Chitragupta Puja 2024) कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 3 नवंबर, 2024 यानी आज की जा रही है। यह दिन कायस्थ समाज के लोगों के लिए बहुत ही खास होता है, तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

चित्रगुप्त पूजा समय (Chitragupta Puja Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 02 नवंबर, 2024 को रात 08 बजकर 21 मिनट पर हो चुकी है। वहीं, इसका समापन 03 नवंबर, 2024 को होगा। ऐसे में इस साल चित्रगुप्त पूजा 3 नवंबर यानी आज की जा रही है। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक रहेगा।

चित्रगुप्त पूजा 2024 विधि (Chitragupta Puja Vidhi)

  • साधक सुबह जल्दी उठकर अपने घर की साफ-सफाई करें।
  • इस दिन भाई दूज भी मनाया जाता है।
  • भगवान चित्रगुप्त की एक प्रतिमा स्थापित करें या फिर उस मंदिर में जाएं, जहां भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति हो।
  • मूर्ति को गुलाब जल से स्नान कराएं।
  • रोली व चंदन का तिलक लगाएं, फूल चढ़ाएं, घी का दीपक जलाएं और अक्षत अर्पित करें।
  • फल, मिठाई के साथ दही, दूध, शहद, चीनी और घी से बने पंचामृत का भोग लगाएं।
  • पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करें।
  • कलम और पत्रिका की भी पूजा करें।
  • अबीर के लेप, हल्दी, सिन्दूर और चंदन से जमीन पर स्वस्तिक चिन्ह बनाएं, यह चित्रगुप्त पूजा विधि का दूसरा हिस्सा है।
  • एक थाली में रखे हुए अक्षत और एक कलश जिसमें आधा पानी भरा हो, उसे स्वास्तिक के ऊपर स्थापित करें।
  • चित्रगुप्त कथा का पाठ और मंत्र जाप करें।
  • आरती से पूजा को समाप्त करें।
  • पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा-याचना करें।

चित्रगुप्त पूजा सामग्री (Chitragupta Puja Samagri)

भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर, सफेद कागज, कलम, दवात, खाताबही, पीले वस्त्र, अक्षत्, फूल, माला, चंदन, कपूर, तुलसी के पत्ते, गंगाजल, शहद, धूप, दीप, नैवेद्य, मिठाई, फल, पान, सुपारी, तिल, पीली सरसों आदि।

चित्रगुप्त पूजा मंत्र (Chitragupta Puja Mantra)

1. ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः

2. मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।

लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।