Dehri Puja: क्यों की जाती है घर की दहलीज की पूजा? जानिए इसके नियम
हिंदू धर्म अपनी परंपराओं के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। आपने देखा होगा कि शादी करके जब वधू अपने ससुराल आती है तो उससे घर की दहलीज की पूजा करवाई जाती है उसका कारण यह है कि लड़कियों को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। ऐसे में जो लोग इस नियम (Dehri Puja Significance) का पालन करते हैं उनका घर धन-धान्य से भरा रहता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Dehri Puja Significance: सनातन धर्म अपनी परंपरा और रीति-रिवाज के लिए जाना जाता है। यहां पूजा-पाठ को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है, जिसके कई सारे नियम बताए गए हैं। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में घर की दहलीज की पूजा को लेकर काफी कुछ बताया गया है, जिसे जानना हर किसी के लिए जरूरी है, क्योंकि यह घर का मुख्य स्थान माना जाता है, तो आइए घर के इस मुख्य स्थान के बारे में विस्तार से बात करते हैं -
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, देहरी घर का मुख्य स्थान माना गया है। ऐसे में घर बनवाते समय मुख्य द्वार पर देहरी जरूर बनवाएं, क्योंकि यह घर में आने वाली सभी नकारात्मकताओं को समाप्त करती है। साथ ही इसके जरिए पूरे घर में सकारात्मकता का संचार होता है।
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क्यों होती है देहरी की पूजा?
लंबे समय से हिंदू धर्म में देहरी पूजा परंपरा का हिस्सा रही है। ऐसे में घर की चौखट की पूजा प्रतिदिन नियम के अनुसार करनी चाहिए। अगर आप किसी कारणवश रोजाना अपनी देहरी की पूजा नहीं कर पा रहे हैं, तो आपको सप्ताह में एक बार इसकी पूजा अवश्य करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि घर के इस स्थान पर राहु का वास होता है। यही वजह है कि चौखट की पूजा करने से राहु का दुष्प्रभाव समाप्त है। साथ ही घर में खुशहाली आती है।देहरी पूजन नियम और लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देहरी की रोजाना साफ-सफाई करें। उसपर गंगा जल का छिड़काव करें। इसके बाद उसे रंगोली या फिर फूलों से सजाएं। फिर कुमकुम का तिलक लगाएं और उसके समक्ष घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं। दीया जलाने के बाद मां लक्ष्मी की प्रार्थना करें।
ऐसा करने से घर में धन की देवी का आगमन होता है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है और जीवन खुशियों से भरा रहता है।यह भी पढ़ें: Vijaya Ekadashi 2024: विजया एकादशी के दिन इन चीजों का करें दान, सौभाग्य और समृद्धि में होगी वृद्धि
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