Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Dev Deepawali 2023: जानें, कब और क्यों मनाई जाती है देव दीपावली और क्या है इसका धार्मिक महत्व?

त्रिपुरासुर की तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने तीनों को देवताओं से परास्त न होने का वरदान दिया। उस समय त्रिपुरासुर ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया। यह देख स्वर्ग के देवता ब्रह्मा जी के पास गए। उन्हें स्थिति से अवगत कराया। तब ब्रह्मा जी बोले- त्रिपुरासुर को रोकने के लिए आप सभी को भगवान शिव से सहायता लेनी होगी।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 20 Nov 2023 05:29 PM (IST)
Hero Image
Dev Deepawali 2023: जानें, कब और क्यों मनाई जाती है देव दीपावली और क्या है इसका धार्मिक महत्व?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Dev Deepawali 2023: हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर देव दीपावली मनाई जाती है। तदनुसार, इस वर्ष 26 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी। शास्त्रों में निहित है कि कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर देवता पृथ्वी पर आते हैं और दीये जलाकर दीपावली मनाते हैं। इस विशेष दिन पर काशी में विशेष पूजा और आरती का आयोजन किया जाता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु देव दीपावली देखने काशी आते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि क्यों हर वर्ष कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर देव दीपावली मनाई जाती है ? आइए, इसकी कथा जानते हैं-

यह भी पढ़ें : कुंडली में चंद्रमा मजबूत करने के लिए आज करें ये उपाय, मानसिक तनाव से भी मिलेगी निजात

देव दीपावली की कथा

सनातन शास्त्रों के अनुसार, चिरकाल में त्रिपुरासुर नामक राक्षस के आतंक से तीनों लोकों में हाहाकार मच गया। त्रिपुरासुर, असुर तारकासुर के बेटे थे। ये एक नहीं, बल्कि तीन थे। तीनों ने देवताओं को परास्त करने का प्रण लिया था। लंबे समय तक तीनों ने ब्रह्मा जी की तपस्या की। त्रिपुरासुर की तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने तीनों को देवताओं से परास्त न होने का वरदान दिया। ब्रह्मा जी से वरदान पाकर तीनों शक्तिशाली हो गए।

उस समय त्रिपुरासुर ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया। यह देख स्वर्ग के देवता ब्रह्मा जी के पास गए। उन्हें स्थिति से अवगत कराया। तब ब्रह्मा जी बोले-वरदान तो मैंने ही उन्हें दिया है। त्रिपुरासुर को रोकने के लिए आप सभी को भगवान शिव से सहायता लेनी होगी। भोलेनाथ ही आप सबकी रक्षा कर सकते हैं। यह सुनने के बाद सभी देवता कैलाश पहुंचे और महादेव से रक्षा की कामना की।

कालांतर में भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया। इस उपलक्ष्य पर देवताओं ने स्वर्ग में दीप जलाकर दीपावली मनाई। शास्त्रों में निहित है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। अतः हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर देव दीपावली मनाई जाती है।

यह भी पढ़ें: देवी-देवताओं को भोग लगाते समय इन नियमों का रखें ध्यान, इस मंत्र से होगा लाभ

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'