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Dev Uthani Ekadashi 2023: देव उठनी एकादशी पर इस योग में करें भगवान विष्णु की पूजा, बन जाएंगे सभी बिगड़े काम

इस दिन वैष्णव समाज के लोग अपने आराध्य भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही उनके निमित्त व्रत उपवास रखते हैं। इस वर्ष 23 नवंबर को देव उठनी एकादशी है। धार्मिक मत है कि देव उठनी एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु क्षीर सागर में योग निद्रा से जागृत होते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो देव उठनी एकादशी तिथि पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 22 Nov 2023 01:42 PM (IST)
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Dev Uthani Ekadashi 2023: देव उठनी एकादशी पर इस योग में करें भगवान विष्णु की पूजा

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Dev Uthani Ekadashi 2023: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का अति विशेष महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन वैष्णव समाज के लोग अपने आराध्य भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही उनके निमित्त व्रत उपवास रखते हैं। इस वर्ष 23 नवंबर को देव उठनी एकादशी है। धार्मिक मत है कि देव उठनी एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु क्षीर सागर में योग निद्रा से जागृत होते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो देव उठनी एकादशी तिथि पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को कई गुना फल प्राप्त होगा। अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करें-

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शुभ मुहूर्त

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को देर रात 11 बजकर 03 मिनट से शुरू होगी और 23 नवंबर को 09 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। वहीं, पारण का समय 24 नवंबर को सुबह 06 बजकर 51 मिनट से लेकर 08 बजकर 57 मिनट तक है। इस समय में साधक पूजा और दान कर पारण कर सकते हैं।

रवि योग

देवउठनी एकादशी पर रवि योग का निर्माण प्रातः काल 06 बजकर 50 मिनट से लेकर 05 बजकर 16 मिनट तक है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं। धार्मिक मत है कि रवि योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख, समृद्धि और धन में वृद्धि होती है।

सिद्धि योग

देवउठनी एकादशी पर सिद्धि योग का निर्माण 11 बजकर 54 मिनट से हो रहा है, जो 24 नवंबर को सुबह 09 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगा। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

सर्वार्थ सिद्धि योग

देवउठनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण संध्याकाल 05 बजकर 16 मिनट से हो रहा है, जो 24 नवंबर को सुबह 06 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगा। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 50 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 17 बजकर 25 मिनट पर

चंद्रोदय- दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर

चंद्रास्त- सुबह 03 बजकर 27 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - 05 बजकर 02 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 35 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - दोपहर 01 बजकर 27 मिनट से 02 बजकर 46 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 09 बजकर 46 मिनट से 10 बजकर 48 मिनट तक

दिशा शूल - दक्षिण

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'