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Devshayani Ekadashi 2021: इस तिथि से शयन करेंगे भगवान विष्णु, जानें आषाढ़ी एकादशी और चातुर्मास का महत्व

Devshayani Ekadashi 2021 आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आषाढ़ी एकादशी कहा जाता है। देवता शयन करने जाते हैं इसलिए आषाढ़ी एकादशी को देवशयनी एकादशी हरिशयनी एकादशी शयनी एकादशी आदि नामों से जाना जाता है। चातुर्मास में भगवान शिव और उनके परिवार की आराधना होती है।

By Kartikey TiwariEdited By: Updated: Fri, 16 Jul 2021 11:15 AM (IST)
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Devshayani Ekadashi 2021: इस तिथि से शयन करेंगे भगवान श्रीहरि विष्णु, जानें आषाढ़ी एकादशी का महत्व
Devshayani Ekadashi 2021 : आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आषाढ़ी एकादशी कहा जाता है। हिन्दू धर्म में आषाढ़ी एकादशी का विशेष महत्व है। इस तिथि से जगत के संचालक भगवान विष्णु चार माह के लिए शयन करने चले जाते हैं, इस ति​थि से चार माह तक देवताओं की रात्रि होती है। देवता शयन करने जाते हैं, इसलिए आषाढ़ी एकादशी को देवशयनी एकादशी, हरिशयनी एकादशी, शयनी एकादशी आदि नामों से जाना जाता है। देवताओं के योग निद्रा में जाने के कारण चार माह तक कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। इस चार माह को चातुर्मास कहा जाता है, जिसका प्रारंभ देवशयनी एकादशी से ही होता है। चातुर्मास में भगवान शिव और उनके परिवार की आराधना होती है। चातुर्मास में भगवान शिव जगत के संचालक और संहारक दोनों ही भूमिका में होते हैं। जागरण अध्यात्म में आज हम जानते हैं कि देवशयनी एकादशी ​किस दिन है? जो लोग व्रत रखेंगे, उनके लिए देवशयनी एकादशी व्रत का पारण कब है? इस व्रत को करने से क्या लाभ होते हैं?

देवशयनी एकादशी का महत्व

जो भी व्यक्ति पूरे मनोयोग से देवशयनी एकादशी का व्रत करता है और भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करता है। उस व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। उसको कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। श्रीहरि उसकी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। मृत्यु के बाद उसकी आत्मा को श्रीहरि के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।

कब है देवशयनी एकादशी 2021

हिन्दी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि 19 जुलाई को रात्रि 09:59 बजे शुरु हो रही है। इसका समापन 20 जुलाई को शाम 07:17 बजे हो रहा है। देवशयनी एकादशी 29 जुलाई को है।

देवशयनी एकादशी ​2021 पारण

देवशयनी एकादशी व्रत का पारण अगले दिन 21 जुलाई दिन बुधवार को किया जाएगा। पारण का समय सुब​ह 05:36 बजे से सुबह 08:21 बजे तक है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'