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Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी के दिन इन कार्यों से बनाएं दूरी, वरना हो सकता है भारी नुकसान

देवशयनी एकादशी के दिन लोग भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो साधक इस दिन कठिन व्रत का पालन करते हैं उन्हें सुख और शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही उनके जीवन में खुशहाली आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को मनाई जाएगी।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 05 Jul 2024 11:15 AM (IST)
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Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म के सबसे पवित्र व्रतों में से एक देवशयनी एकादशी का व्रत माना जाता है। यह एकादशी अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है। इस दिन साधक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो साधक इस दिन कठिन व्रत का पालन करते हैं, उन्हें सुख और शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही उनके जीवन में खुशहाली आती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2024) 17 जुलाई, 2024 दिन बुधवार को मनाई जाएगी।

देवशयनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं?

  • एकादशी के इस शुभ दिन पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, क्योंकि इस दिन देवी तुलसी श्री हरि के लिए उपवास रखती हैं। एक दिन पहले तुलसी के पत्ते तोड़कर पानी में रखकर उसका उपयोग कर सकते हैं।
  • जो जातक इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें व्रत रखने से एक दिन पहले तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए।
  • एकादशी के दिन साबुन से नहीं नहाना चाहिए।
  • भले ही आप व्रत कर रहे हों या नहीं, लेकिन एकादशी के दिन भक्तों को चावल से बनी कोई भी चीजें नहीं खानी चाहिए।
  • इस दिन ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र बांटना बेहद पुण्यदायी माना जाता है।
  • इस दिन किसी के बारे में बुरा बोलने से बचना चाहिए।
  • इस तिथि पर श्रीकृष्ण के महामंत्र का जाप करना चाहिए।
  • इस शुभ दिन पर तामसिक चीजें जैसे - शराब, मांस, प्याज, लहसुन आदि के सेवन से बचना चाहिए।
  • इसके साथ ही ब्रह्मचर्य बनाए रखना इस व्रत का मुख्य अंग है, इसलिए लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
  • इस तिथि पर विष्णु सहस्रनाम का पाठ और उनके वैदिक मंत्रों का जाप करना सभी भक्तों के लिए लाभकारी होता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।