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Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु को चढ़ाएं ये 3 फूल, खुशियों से भर जाएगा जीवन

इस साल देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर उपवास रखने से सभी पापों का नाश होता है। इसके साथ ही घर में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है। जो साधक जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं से घिरे हुए हैं उन्हें यह व्रत जरूर रखना चाहिए।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 07 Jul 2024 02:45 PM (IST)
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Devshayani Ekadashi 2024: भगवान विष्णु पूजा -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में देवशयनी एकादशी का व्रत बेहद पुण्यदायी माना जाता है। यह आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस साल यह 17 जुलाई, 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर उपवास रखने से सभी पापों का नाश होता है। इसके साथ ही घर में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है। जो साधक जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं से घिरे हुए हैं, उन्हें यह व्रत जरूर रखना चाहिए।

इसके साथ ही इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु को कुछ विशेष फूलों को अर्पित करना शुभ माना जाता है, तो आइए उनके बारे में जानते हैं -

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कमल का फूल

देवशयनी एकादशी के दिन श्री हरि को कमल के फूल चढ़ाएं। इससे जीवन में खुशहाली आती है। साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। अगर आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करने की कामना रखते हैं, तो आपको इस मौके पर उन्हें कमल का फूल अवश्य अर्पित करना चाहिए।

शंखपुष्पी का फूल

भगवान विष्णु को शंखपुष्पी के फूल बेहद प्रिय हैं। ऐसे में देवशयनी एकादशी के शुभ अवसर पर उन्हें यह फूल जरूर अर्पित करें। शंखपुष्पी का फूल चढ़ाने से जीवन की बाधाओं का अंत होता है। साथ ही घर में बरकत बनी रहती है।

गेंदा का फूल

भगवान श्री हरि विष्णु को गेंदा का फूल अर्पित करना बहुत फलदायी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन उन्हें गेंदा के फूलों की माला जरूर अर्पित करनी चाहिए। इससे जीवन में भक्ति, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।