Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी के दिन घर के इन स्थानों पर रखें तुलसी दल, सभी समस्याओं का मिलेगा हल
देवशयनी एकादशी पर लोग भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस दिन कठिन व्रत का पालन करते हैं और विधि अनुसार पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में देवशयनी एकादशी व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एकादशी अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस कठिन व्रत का पालन करते हैं, उनकी सभी मुरादें पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही उनके जीवन की हर समस्याओं का अंत होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2024) 17 जुलाई, 2024 दिन बुधवार को मनाई जाएगी।
घर के इन जगहों पर रखें तुलसी पत्र
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घर के कुछ ऐसे स्थान हैं, जिन्हें बहुत पवित्र माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर इन जगहों का विशेष ध्यान दिया जाए, तो घर सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण होता है। वहीं, रसोई घर, पूजा कक्ष, घर की पूर्व दिशा, घर का अग्नि कोण और मुख्य द्वार को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
ऐसा कहा जाता देवशयनी एकादशी के दिन घर के इन स्थानों पर कुछ तुलसी के पत्ते अवश्य रखने चाहिए। ऐसा करने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं। घर में बरकत आती है। साथ ही घर में माता लक्ष्मी का वास होता है।
मां लक्ष्मी का स्वरूप हैं देवी तुलसी
माना जाता है कि इन मुख्य जगहों पर तुलसी दल रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे घर के साथ-साथ जीवन की भी नकारात्मकता समाप्त होती है। देवी तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इसलिए उन्हें इन प्रमुख्य स्थानों पर विराजमान करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
यह भी पढ़ें: Skanda Sashti 2024: आज मनाई जा रही है स्कंद षष्ठी, नोट करें पूजा विधि से लेकर सबकुछअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।