सनातन धर्म में कार्तिक महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां तुलसी को समर्पित है। इस महीने में रोजाना भगवान विष्णु और तुलसी माता की उपासना की जाती है। वहीं कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस (Dhanteras 2024 Date) मनाया जाता है। वहीं कार्तिक अमावस्या पर अमावस्या मनाई जाती है। इस दिन भक्ति भाव से भगवान धन्वन्तरि की पूजा की जाती है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 28 Oct 2024 09:31 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धनतेरस का दिन भगवान धन्वन्तरि की कृपा प्राप्त करने के लिए धनतेरस का पर्व शुभ माना जाता है। प्रत्येक साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस मनाया जाता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि चिरकाल में समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस कलश में अमृत था। अमृत पान कर देवता अमर हो गए थे। अतः हर वर्ष कार्तिक माह में धनतेरस मनाया जाता है। इसे धनत्रयोदशी (Dhanteras Significance) भी कहा जाता है। जैन धर्म के अनुयायी भी धनतेरस पर्व मनाते हैं। अमृत कलश लेकर प्रकट होने के चलते धनतेरस के दिन बर्तन, आभूषण और वाहन खरीदने की प्रथा है। इसके साथ ही स्वर्ण और चांदी से निर्मित आभूषणों की भी खरीदारी की जाती है। इसके साथ ही लोग वाहन की खरीदारी करते हैं। इस वर्ष धनतेरस की तिथि को लेकर दुविधा है। कई जानकारों का कहना है कि धनतेरस 29 अक्टूबर (Dhanteras 2024 Date) को है। कई जानकारों का कहना है कि 30 अक्टूबर को धनतेरस है। आइए, धनतेरस की सही डेट, तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-
Dhanteras 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2024 Date and Auspicious Time) वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी। वहीं, त्रयोदशी तिथि का समापन 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है।
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पूजा का शुभ समय (Dhanteras Puja Timing)
धनतेरस के दिन पूजन के लिए शुभ समय संध्याकाल 06 बजकर 31 मिनट से लेकर संध्याकाल 08 बजकर 13 मिनट तक है। इस समय भगवान धन्वन्तरि की पूजा कर सकते हैं। हालांकि, अलग-अलग शहरों में पूजा के समय में अंतर हो सकता है।
धनतेरस शुभ योग (Dhanteras Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर सुबह इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इसके बाद त्रिपुष्कर योग का संयोग बन रहा है। इस शुभ तिथि पर अभिजीत मुहूर्त योग का भी निर्माण हो रहा है। शिववास योग सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक है। वहीं, उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
कब है धनतेरस ?
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह में शुरू होगी। सनातन धर्म से सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का समापन 30 अक्टूबर को दोपहर में होगा। धनतेरस के अवसर पर संध्याकाल में भगवान धन्वन्तरि की पूजा की जाती है। इसके लिए 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा। वहीं, साधक (व्यक्ति) सभी प्रकार की खरीदारी दोनों दिन कर सकते हैं। इस दिन प्रदोष काल शाम 05 बजकर 38 मिनट से 08 बजकर 13 मिनट तक है। वहीं, वृषभ काल शाम 06 बजकर 31 मिनट से 08 बजकर 27 मिनट तक है।
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पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट परचंद्रोदय- सुबह 04 बजकर 27 मिनट परचंद्रास्त- दोपहर 03 बजकर 57 मिनट तकब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तकनिशिता मुहूर्त - 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
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