Move to Jagran APP

Dhanteras 2024: 29 या 30 अक्टूबर, कब है धनतेरस? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है। यह महीना भगवान विष्णु और मां तुलसी को समर्पित है। इस दौरान तुलसी माता की पूजा की जाती है। इस महीने शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं। इसके अगले दिन तुलसी विवाह किया जाता है। हर वर्ष कार्तिक माह में धनतेरस (Dhanteras 2024 Date) मनाया जाता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 14 Oct 2024 06:15 PM (IST)
Hero Image
Dhanteras 2024: धनतेरस पर्व का धार्मिक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में धनतेरस पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस शुभ तिथि पर समुद्र मंथन से भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसे धनत्रयोदशी (Dhanteras Significance) भी कहा जाता है। जैन धर्म के अनुयायी भी धनतेरस पर्व मनाते हैं। अमृत कलश लेकर प्रकट होने के चलते धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की प्रथा है। इसके साथ ही स्वर्ण और चांदी से निर्मित आभूषणों की भी खरीदारी की जाती है। इस वर्ष धनतेरस की तिथि को लेकर दुविधा है। कई जानकारों का कहना है कि धनतेरस 29 अक्टूबर को है। कई जानकारों का कहना है कि 30 अक्टूबर को धनतेरस है। आइए, धनतेरस की सही डेट, तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

Dhanteras 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2024 Date and Auspicious Time)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी। वहीं, त्रयोदशी तिथि का समापन 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है।

यह भी पढ़ें: करवा चौथ पर राशि अनुसार करें ये दान, अखंड सौभाग्य की होगी प्राप्ति

पूजा का शुभ समय (Dhanteras Puja Timing)

धनतेरस के दिन पूजन के लिए शुभ समय संध्याकाल 06 बजकर 31 मिनट से लेकर संध्याकाल 08 बजकर 13 मिनट तक है। इस समय भगवान धन्वन्तरि की पूजा कर सकते हैं। हालांकि, अलग-अलग शहरों में पूजा के समय में अंतर हो सकता है।

धनतेरस शुभ योग (Dhanteras Shubh Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर सुबह इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इसके बाद त्रिपुष्कर योग का संयोग बन रहा है। इस शुभ तिथि पर अभिजीत मुहूर्त योग का भी निर्माण हो रहा है। शिववास योग सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक है। वहीं, उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

कब है धनतेरस ?

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह में शुरू होगी। सनातन धर्म से सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का समापन 30 अक्टूबर को दोपहर में होगा। धनतेरस के अवसर पर संध्याकाल में भगवान धन्वन्तरि की पूजा की जाती है। इसके लिए 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा। वहीं, साधक (व्यक्ति) सभी प्रकार की खरीदारी दोनों दिन कर सकते हैं। इस दिन प्रदोष काल शाम 05 बजकर 38 मिनट से 08 बजकर 13 मिनट तक है। वहीं, वृषभ काल शाम 06 बजकर 31 मिनट से 08 बजकर 27 मिनट तक है।

यह भी पढ़ें: श्रीराम कथा के पाठ से साधक के संस्कार होते हैं जाग्रत, जानें सातवीं भक्ति की विशेषता

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट पर

चंद्रोदय- सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर

चंद्रास्त- दोपहर 03 बजकर 57 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।