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Dhanteras 2024: धनतेरस पर इन 2 शुभ मुहूर्त में करें भगवान धन्वंतरि की पूजा, नोट करें अपने शहर का समय

हर वर्ष कार्तिक महीने में अमावस्या तिथि से दो दिन पूर्व धनतेरस (Dhanteras 2024 Shubh Muhurat) मनाया जाता है। इस दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इस दिन सोने की खरीदारी करने से धन और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। धनतेरस के दिन प्रदोष काल में पूजा की जाती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 28 Oct 2024 09:14 PM (IST)
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Dhanteras 2024: भगवान धन्वंतरि को कैसे प्रसन्न करें ?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इस वर्ष 29 अक्टूबर को धनतेरस है। सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि चिरकाल में समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। चिरकाल में देवता अमृत का पान कर अमर हो गए थे। अतः तत्कालीन समय से कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जा रही है। ज्योतिषियों की मानें तो धनतेरस के दिन दो शुभ मुहूर्त में भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाएगी। आइए, भगवान धन्वंतरि की पूजा का शुभ मुहूर्त और शहर अनुसार समय जानते हैं-

Dhanteras 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2024 Date and Auspicious Time)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा।

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पूजा का शुभ समय (Dhanteras Puja Timing)

ज्योतिषियों की मानें तो प्रदोष काल और वृषभ लग्न के दौरान मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से धन में बढ़ोतरी होती है। इसके साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी गृह में ठहरती हैं। इसके लिए धनतेरस के दिन प्रदोष काल और वृषभ लग्न के दौरान भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा करें। धनतेरस के दिन पूजन के लिए प्रदोष काल संध्याकाल 05 बजकर 38 मिनट से लेकर 08 बजकर 13 मिनट तक है। वहीं, वृषभ काल शाम 06 बजकर 31 मिनट से लेकर संध्याकाल 08 बजकर 13 मिनट तक है। इस समय भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा करें। इस समय में पूजा करने से धन में अपार वृद्धि होगी।

धनतेरस शुभ योग (Dhanteras Shubh Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र योग का निर्माण हो रहा है। धनतेरस पर पूजा हस्त नक्षत्र में की जाएगी। इसके साथ ही प्रातः काल में त्रिपुष्कर योग और शिववास योग के संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

शहर अनुसार समय

  • कोलकाता में पूजा का समय शाम 05 बजकर 57 मिनट से लेकर 07 बजकर 33 मिनट तक है।  
  • चंडीगढ़ में पूजा का समय शाम 06 बजकर 29 मिनट से लेकर 08 बजकर 13 मिनट तक है।  
  • नोएडा में पूजा का समय शाम 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 12 मिनट तक है।  
  • नई दिल्ली में पूजा का समय शाम 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 13 मिनट तक है। 
  • गुरुग्राम में पूजा का समय शाम 06 बजकर 32 मिनट से लेकर 08 बजकर 14 मिनट तक है।  
  • जयपुर में पूजा का समय शाम 06 बजकर 40 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट तक है।  
  • चेन्नई में पूजा का समय शाम 06 बजकर 44 मिनट से लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक है।  
  • हैदराबाद में पूजा का समय शाम 06 बजकर 45 मिनट से लेकर 08 बजकर 15 मिनट तक है।  
  • बेंगलुरु में पूजा का समय शाम 06 बजकर 55 मिनट से लेकर 08 बजकर 22 मिनट तक है।  
  • अहमदाबाद में पूजा का समय शाम 06 बजकर 59 मिनट से लेकर 08 बजकर 35 मिनट तक है।  
  • पुणे में पूजा का समय शाम 07 बजकर 01 मिनट से लेकर 08 बजकर 33 मिनट तक है।  
  • मुंबई में पूजा का समय शाम 07 बजकर 04 मिनट से लेकर 08 बजकर 37 मिनट तक है।  

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट पर

चंद्रोदय- सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर

चंद्रास्त- दोपहर 03 बजकर 57 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।