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Dhanteras 2024: इस कथा के पाठ से धनतेरस की पूजा होगी सफल, कभी नहीं होगी पैसों की कमी

दीवाली के पर्व की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras 2024) से होती है। इस दिन से अगले दिन पांच दिनों तक संध्याकाल में दीपक जलाने का विधान है। धनतेरस के दिन प्रदोष काल के दौरान विधिपूर्वक भगवान धन्वन्तरि के संग मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं धनतेरस (Dhanteras 2024 Katha) की कथा।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 28 Oct 2024 10:59 AM (IST)
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Dhanteras 2024 Katha: जरूर करें इस कथा का पाठ (Pic Credit- Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल कार्तिक माह में दीवाली का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 29 अक्टूबर (Dhanteras 2024 Date) को मनाया जाएगा। इस खास अवसर पर शुभ चीजों की खरीददारी की जाती है और भगवान धन्वन्तरि की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इन कार्यों को करने से जातक को भगवान धन्वन्तरि की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में कभी भी पैसों की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। मान्यता है कि इस दिन पूजा के दौरान धनतेरस की कथा का पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं। आइए पढ़ते हैं धनतेरस की कथा।

धनतेरस की कथा (Dhanteras Katha)

धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस शुभ अवसर पर भगवान धनकुबेर और भगवान धन्वन्तरि की पूजा-अर्चना करने का विधान है। पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वन्तरि कलश लेकर समुद्र से अवतरित हुए थे। इसी वजह से उनके प्रकटोत्सव के रूप में धनतेरस का पर्व देशभर में मनाया जाता है। भगवान धन्वन्तरि को औषधि और चिकित्सा का देवता माना जाता है।

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इस पर्व को मनाने की दूसरी कथा जगत के पालनहार भगवान विष्णु के वामन अवतार से जुड़ी हुई है। इस कथा (Dhanteras ki Katha) का उल्लेख भागवत पुराण में देखने को मिलता है। कथा के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर वामन अवतार ने असुराज बलि से दान में तीनों लोक को मांगा था और देवताओं को उनकी खोई हुई संपत्ति और स्वर्ग प्रदान किया था। इसी वजह से हर साल दीवाली से पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है।

धनतेरस 2024 डेट और टाइम (Dhanteras 2024 Date and Time)

पंचांग के पंचांग अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे में धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

पूजा के दौरान करें इस मंत्र का जप

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।