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Dhanteras 2024: कब और क्यों मनाया जाता है धनतेरस? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं पूजा का सही समय

हर वर्ष कार्तिक अमावस्या पर दीवाली मनाई जाती है। यह पर्व धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी के निमित्त पूजा होने तक व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। दीवाली से दो दिन पूर्व धनतेरस (Dhanteras 2024 Date) मनाया जाता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 23 Oct 2024 06:17 PM (IST)
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Dhanteras 2024: भगवान धन्वन्तरि को कैसे प्रसन्न करें?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है। इस महीने कृष्ण पक्ष में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। वहीं, शुक्ल पक्ष में जगत के पालनहार भगवान विष्णु जागृत होते हैं। इस दिन देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इसके अगले दिन तुलसी विवाह मनाया जाता है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को जगत के पालनहार भगवान विष्णु एवं तुलसी माता परिणय सूत्र में बंधे थे। इसके लिए कार्तिक महीने में भगवान विष्णु संग तुलसी माता की पूजा की जाती है। इसके साथ ही दीपोत्सव भी मनाया जाता है। इस दौरान धनतेरस, दीवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज समेत कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि धनतेरस (Dhanteras 2024) कब और क्यों मनाया जाता है? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-    

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कब और क्यों मनाया जाता है धनतेरस?

सनातन शास्त्रों में निहित है कि चिर काल में इंद्र देव की गलती की वजह से स्वर्ग लोक लक्ष्मी विहीन हो गई। उस समय दानवों ने स्वर्ग पर आक्रमण कर अपना अधिकार जमा लिया। तब भगवान विष्णु ने देवताओं को समुद्र मंथन की सलाह दी। देवताओं ने असुरों की मदद से समुद्र मंथन किया। समुद्र मंथन से 14 रत्नों की प्राप्ति हुई। इनमें विष, अप्सरा रंभा, ऐरावत हाथी, कामधेनु गाय भी शामिल हैं। इसके साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी की भी उत्पत्ति हुई। वहीं, आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वन्तरि भी कलश लेकर प्रकट हुए थे। पंचांग गणना के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान धन्वन्तरि प्रकट हुए थे। इसके लिए हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान धन्वन्तरि की विशेष पूजा (Dhanteras 2024 Puja Vidhi) की जाती है।

Dhanteras 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2024 Date and Auspicious Time)

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी। धनतेरस के दिन पूजन के लिए शुभ समय प्रदोष काल यानी संध्याकाल में 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 13 मिनट तक है। इस समय भगवान धन्वन्तरि की पूजा कर सकते हैं। अलग-अलग जगहों पर भिन्न-भिन्न समय पर धनतेरस मनाया जाएगा।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट पर

चन्द्रोदय- सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर (30 अक्टूबर)

चंद्रास्त- शाम 03 बजकर 57 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।