Dhanteras पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति लेते समय इन बातों का रखें ध्यान, धन लाभ के बनेंगे योग
हर साल धनतेरस (Dhanteras 2024) को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस खास अवसर पर मां लक्ष्मी भगवान धन्वन्तरि और भगवान कुबेर की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही शुभ चीजों की खरीददारी की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे धन से तिजोरी भरी रहती है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दीवाली से पहले धनतेरस (Dhanteras 2024) का पर्व मनाया जाता है। सनातन शास्त्रों में इस पर्व का विशेष उल्लेख देखने को मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वन्तरि प्रकट हुए थे। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन विधिपूर्वक भगवान धन्वन्तरि की पूजा-अर्चना करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। साथ ही धन से संबंधित समस्या से छुटकारा मिलता है और धन लाभ के योग बनते हैं। धनतेरस के शुभ अवसर पर सोना-चांदी की खरीददारी की जाती है। साथ ही मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा को घर लाया जाता है। अगर आप भी धनतेरस पर मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मूर्ति को खरीद रहे हैं, तो इस लेख में दी गई विशेष बातों का ध्यान रखें।
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इन बातों का रखें ध्यान
- धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति घर लानी चाहिए, जिसमे वो कमल के फूल पर विरजामन हो। खड़ी मुद्र वाली प्रतिमा को लेने से बचना चाहिए।
- भगवान गणेश जी की प्रतिमा को बैठे हुई मुद्रा में लेनी चाहिए। उनकी सूंड दाईं तरफ मुड़ी हुई होनी चाहिए। इस तरह की प्रतिमा को घर लाना शुभ माना जाता है। प्रतिमा का रंग पीला या हरा होना चाहिए। इसके अलावा उनके हाथ में मोदक और जनेऊ धारण करने वाली प्रतिमा को शुभ माना जाता है।
- मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा को विराजमान करने के लिए दिशा का खास ध्यान रखें। देवी लक्ष्मी और गणेश जी की उपासना उत्तर या पूर्व दिशा में करना उत्तम माना जाता है। इससे जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
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धनतेरस 2024 डेट और टाइम (Dhanteras 2024 Date and Time)
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन पूजन के लिए शुभ समय प्रदोष काल यानी संध्याकाल में 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 13 मिनट तक है। इस समय भगवान धन्वन्तरि की पूजा कर सकते हैं।सोना और चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2024 Shubh Muhurat)
29 अक्टूबर को सुबह में 10 बजकर 31 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 30 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 32 मिनट तक है। इस दौरान खरीददारी करना शुभ माना जाता है।यह भी पढ़ें: Dhanteras 2024: कब और क्यों मनाया जाता है धनतेरस? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं पूजा का सही समय
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।