Dhanteras 2024: धनतेरस पर न खरीदें ये चीजें, हो सकती है रुपए पैसों की किल्लत
धनतेरस का पर्व (Dhanteras 2024 Shubh Muhurat) हर साल बहुत ही धूमधाम और भक्ति के साथ मनाया जाता है। धनतेरस दिवाली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन लोग माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा-अर्चना करते हैं और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करते हैं तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धनतेरस का त्योहार हिंदुओं के सबसे शुभ त्योहारों में से एक माना जाता है। यह हर साल अत्यधिक भव्यता और उत्साह के साथ मनाया जाता है। धनत्रयोदशी के इस शुभ दिन पर लोग अपने घर को रोशनी से सजाते हैं और दीपक जलाते हैं। साथ ही नई चीजें (Dhanteras Shopping Guide) खरीदते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2024 में धनतेरस कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
ऐसी मान्यता है कि इस शुभ दिन (Dhanteras 2024) पर कुबेर देव की पूजा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही घर में बरकत आती है।
धनतेरस पर न खरीदें ये चीजें (Dhanteras Shopping Guide)
धनतेरस (Dhanteras 2024) के शुभ अवसर पर नुकीली चीजें जैसे - चाकू और कैंची, कांच, चीनी मिट्टी, प्लास्टिक, लोहा, स्टील, एल्युमिनियम आदि वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए, क्योंकि इससे घर में दुर्भाग्य का आगमन होता है। इसके अलावा इस दिन काला कंबल, काले व नीले वस्त्र और तेल आदि का खरीदना भी अशुभ माना जाता है। वहीं, इस दिन जूते व चमड़े से बनी चीजों को भी नहीं खरीदना चाहिए, क्योंकि जूते शनि का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए शनि से संबंधित कोई भी वस्तु खरीदना शुभ नहीं माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन खाली मिट्टी का घड़ा भी घर नहीं (Dhanteras Shopping 2024) लाना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन खाली मिट्टी का बर्तन या सुराही लाने से घर की बरकत जाती है। ऐसे में इसे पहले चावल, गेहूं जैसे किसी भी अनाज से भर लें फिर इसे अपने घर ले आएं।
धनतेरस का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा। वहीं, इस दिन की पूजा का शुभ मुहूर्त संध्याकाल 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 13 मिनट तक है। ऐसे में पूजा के दौरान समय का विशेष ख्याल रखें।
पूजा के समय करें कुबेर देव के इन मंत्रों का जाप
1. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
2. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
3. ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
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