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Diwali 2022 Laxmi Ji Aarti: दिवाली पर जरूर करें माता लक्ष्मी की आरती और इन मंत्रों का जाप

Diwali 2022 दिवाली पर्व के दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी की आरती करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और उसके जीवन में कई प्रकार की खुशियां आती हैं।

By Shantanoo MishraEdited By: Updated: Sun, 23 Oct 2022 04:00 PM (IST)
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Diwali 2022 Laxmi Ji Aarti: दिवाली के दिन जरूर करें माता की आरती।

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Diwali 2022 Laxmi Aarti: 24 अक्टूबर 2022 को देशभर में दीपावली पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाएगा। पौराणिक किवदंतियों के अनुसार इस भगवान श्री राम माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ चौदह वर्षों के वनवास से लौटे थे। इसी खुशी में आज भी घर का एक-एक कोना दीपों से सजाया जाता है। मान्यता है कि दिवाली 2022 (Diwali 2022 Festival) पर्व के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ होता है। इसलिए शास्त्रों में संध्या काल के समय माता लक्ष्मी की पूजा के साथ आरती को भी अनिवार्य बताया गया है। साथ ही कुछ मंत्रों को वर्णित किया गया है। जिनके शुद्ध उच्चारण से व्यक्ति माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त कर सकता है।

माता लक्ष्मी आरती (Mata Laxmi Aarti)

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता ।।

ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ।।

ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता ।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ।।

ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ।।

ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता ।

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ।।

ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता ।

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ।।

ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता ।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ।।

ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता ।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ।।

ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

माता लक्ष्मी के मंत्र (Mata Laxmi Mantra)

  • पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम् ।।

  • ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा ।।

  • ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: ।।

  • ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम: ।।

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