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Diwali 2024: 31 अक्टूबर या 01 नवंबर, कब है दिवाली? यहां दूर होगी असमंजस की स्थिति

इस बार दिवाली के पर्व की डेट को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बन रही है। कुछ लोग दिवाली 31 अक्टूबर की बता रहे हैं। वहीं कुछ जानकार दिवाली 01 नवंबर (Diwali 2024 Kab hai) को मनाने की बात कह रहे हैं। आइए इस लेख में हम आपको हिंदू पंचांग के अनुसार बताएंगे कि दिवाली का त्योहार किस तारीख को मनाया जाएगा?

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 25 Sep 2024 02:03 PM (IST)
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Diwali 2024: दिवाली की पूजा से प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दिवाली के पर्व का सभी लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस शुभ दिन पर देशभर में खास रौनक देखने को मिलती है। हर साल यह पर्व भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण 14 वर्ष वनवास बिताने के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी के संग राम परिवार के पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि उपासना करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और धन लाभ के योग बनते हैं। दिवाली (When is Diwali 2024) के दिन दीपक जलाएं जाते हैं। चलिए जानते हैं दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त के बारे में।  

दिवाली 2024 डेट  

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 01 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में 01 नवंबर (Diwali 2024 Date) को दिवाली मनाई जाएगी।

दिवाली का शुभ मुहूर्त

01 नवंबर को मां लक्ष्मी की पूजा (Diwali 2024 Shubh Muhurat) करने का शुभ मुहूर्त संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर 06 बजकर 16 मिनट तक है। इस दौरान आप मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं।

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ऐसे करें पूजा

  • दीवाली की पूजा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए।
  • घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।  
  • संध्याकाल में चौकी पर मां लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति को विराजमान करें।  
  • अब उन्हें फूलमाला, रोली और चंदन अर्पित करें।  
  • दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जप करें।
  • फल और मिठाई का भोग लगाएं।
  • जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।  

करें ये कार्य

  • इस दिन एक थाली में पांच दीपक दीपक जलाएं। इसके बाद इन दीपक को मंदिर में रखें और पूजा-अर्चना करें। इसके बाद दीपकों को घर के अलग-अलग हिस्सों में रखें। इस कार्य को करना शुभ माना जाता है।  

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।